आगरा। एक ओर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अपने जन्म स्थान को लेकर भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे का दंश झेल रहे हैं तो वहीं आगरा के आवल खेड़ा में बिना अनुमति के निकाली गई राम बरात पर भी प्रशासन द्वारा आयोजकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है जिसके बाद आयोजकों और क्षेत्रीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ जोरदार आक्रोश है।
दरअसल आगरा के थाना बरहन क्षेत्र के गांव आवल खेड़ा में दिनांक 11 अक्टूबर को भगवान श्री राम की बारात निकाली गई थी लेकिन इस राम बरात की अनुमति प्रशासन ने आयोजकों को नहीं दी थी अनुमति के लिए आयोजकों ने काफी जद्दोजहद की थी कई बार तहसील दिवस और आला अधिकारियों से अनुमति मांगी गई लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया था। इसके बावजूद 11 अक्टूबर शाम 6:00 बजे से श्री राम बरात पूरे जोर-शोर के साथ पूरे गांव में घूमी जिसका उद्घाटन आगरा सांसद और एससी आयोग अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने किया था।
कठेरिया ने संबोधित करते हुए कहा था कि ग्राम की बरात निकालने के लिए किसी से कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रशासन राम बरात को पूर्ण सुरक्षा दे और पूरी तरह से सहयोग करें। हालांकि प्रशासन में धारा 144 और अनुमति न होने के कारण आयोजकों को पहले से ही चेतावनी दे रखी थी कि अगर राम बारात निकलेगी तो आयोजकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी लेकिन कठेरिया के पहुंचने के बाद प्रशासन बैकफुट पर आया और पुलिस को राम रात को सुरक्षा देनी पड़ी।

आवल खेड़ा में राम बारात के उद्घाटन में बोलते सांसद एवं एससी आयोग अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया तथा साथ हैं ब्लॉक प्रमुख जगबीर सिंह, युवा सपा नेता दिनेश यादव और अन्य
राम बरात और जनकपुरी महोत्सव खत्म होते ही पुलिस रंग बदल गई धारा 144 और बिना अनुमति राम बरात निकाले जाने का हवाला देते हुए एक अज्ञात समेत कुल 18 लोगों पर नामजद मुकदमा आवल खेड़ा चौकी में चौकी इंचार्ज अश्वनी कुमार मिश्र द्वारा दर्ज किया गया है। जिनमें भूपेंद्र भारद्वाज, धर्मवीर चौहान, मुकेश चौहान, राज कपूर, नीतू वर्मा, मुन्ना सिंह, दुष्यंत चौहान अंकुश पवन कुशवाहा रामनिवास शर्मा श्याम सुंदर उपाध्याय इंदल सिंह चौहान अश्वनी कुमार उदयवीर सिंह चौहान स्वराज सिंह परमार अतर सिंह आदि हैं।