आगरा। टोरंट पावर की गलत नीतियों के विरोध में मिनी सैफई कुआ खेड़ा में 22 गांव का चल रहा धरना थमने का नाम नहीं ले रहा है। आगरा प्रशासन के उदासीन रवैया से नाराज आक्रोशित किसानों ने अपनी आवाज को सूबे के मुखिया तक पहुँचाने के लिए खत का सहारा लिया है।
22 गांव के प्रधान और किसानों ने प्रदेश के महामाहिम रामपाल नाइक, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत और सूबे के मुखिया को खत लिखकर टोरंट की कार्यगुजारी और उसके उत्पीड़न को उनके सामने रखने का प्रयास किया है। इतना ही नही किसानों और ग्राम प्रधानों ने मिलकर अपनी इस समस्या को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के सामने भी रखी है और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने खत में लिखा है कि बमरौली कटारा में दक्षिणांचल का विधुत फीडर है जिस फीडर से 22 गांव को विधुत वितरण होती है लेकिन इसके बाबजूद भी निजी व्यापारिक कंपनी टोरंट पावर ग्रामीणों को शहर की विधुत दरो पर बिजली उपलब्ध करा रही है जो न्याय संगत नही है। ग्रामीणों ने खत के माध्यम से अपने धरने की भी जानकारी दी है और कहा है कि टोरंट पावर के विरोध में गांधीवादी तरीके से किसान धरना दे रहे हैं। अगर इस पत्र पर भी कोई कार्यवाही नही हुई तो किसान न्यायलय की शरण मे जाने को बाध्य होंगे। फिलहाल कुछ भी हो लेकिन किसान आपने हक के लिए इस जंग को अंतिम सांस तक लड़ने की बात कह रहे है।