ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा एक प्रेस रिलीज़ जारी किया गया, जिसमें कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस पार्टी की कमान थमा दी है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की कमान सौंपे जाने के साथ-साथ पंजाब में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं। जैसे ही यह खबर आई तो नवजोत सिंह सिद्धू के आवास के बाहर मिठाईयां बंटना शुरु हो गईं। बता दें सिद्धु के समर्थन वाले विधायकों का दावा है कि कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह की सहमति से लिया है।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सोनिया गांधी ने जिन चार नेताओं को पंजाब कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, उनमें संगत सिंह गिलाजियान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल हैं। बता दें इस दौरान पंजाब के सांसद भी खुलकर लड़ाई के मैदान में सामने आए हैं। दरअसल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा के घर पर पंजाब के सांसदों की रविवार को बैठक हुई। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी गई क्योंकि कैप्टन और बाजवा की शनिवार शाम को मीटिंग भी हुई थी। यूं तो बाजवा कैप्टन के विरोधी माने जाते हैं लेकिन सिद्धू के बढ़ते ओहदे को रोकने के लिए कैप्टन के साथ शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि पार्टी सांसदों की बैठक के बाद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा की है। वहीं उन्होंने आगे कहा कि सिद्धू को लेकर पार्टी नेतृत्व जो फैसला करेगा वह हम सभी को भी मंजूर होगा। वहीं पार्टी के सांसद इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। खास बात यह है कि सोमवार से संसद सत्र शुरू हो रहा है। इन हालातों के बीच पंजाब के सांसद राहुल गांधी के समक्ष अपना विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।