पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में बड़ा राजनीतिक बदलाव हुआ है जिसके चलते महापौर के पद पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। दरअसल आपको बता दें बीजेपी की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की महापौर बन गई हैं। वहीं निकाय चुनावों में अव्वल रहने वाली आम आदमी पार्टी ने मेयर के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान डीसी विनय प्रताप सिंह को भी मौके पर रोक लिया गया है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा भी चंडीगढ़ पहुंचे हैं और मेयर चुनाव में बीजेपी पर धांधली का आरोप लगाया है।
BJP – AAP में कांटे की टक्कर
चंडीगढ़ निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी ने 12 सीटें जीती थीं जबकि आम आदमी पार्टी के खाते में 14 सीटें आई थीं। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद देवेंद्र सिंह बबला अपनी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ बीजेपी की सदस्यता गृहण कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त बीजेपी की सांसद किरण खेर को भी एक वोट डालने का अधिकार है। इस तरह से बीजेपी के पास कुल 14 वोट हो गए थे, जो बीजेपी को इस चुनाव में जिताने के लिए कारगर साबित हुए।

भाजपा ने पूर्व पार्षद जगतार सिंह जग्गा की पत्नी सरबजीत कौर को महापौर के पद के लिए चुनावी रण में उतारा था। वहीं आप (AAP) ने अंजू कत्याल को मेयर पद का प्रत्याशी चुना था। इस चुनाव से कांग्रेस ने किनारा कर लिया था। इतना ही नहीं अपने प्रत्याशी का नामांकन मेयर के लिए नहीं कराया था।
पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर
इस चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर था, इसलिए कांग्रेस ने भी अपने सभी पार्षदों को राजस्थान के जयपुर भेज दिया था जो अब लौटे। वहीं आम आदमी पार्टी के पार्षद भी पहले दिल्ली में रहे फिर कसौली आए, उसके बाद चंडीगढ़ गए।खरीद-फरोख्त का डर भाजपा को भी कम नहीं था। इसलिए भाजपा ने अपने पार्षदों को शिमला भेज दिया था। शुक्रवार शाम को भी ये सभी पार्षद वापस लौटे। गौरतलब है कि 1 जनवरी 2022 को सभी नए 35 पार्षद शपथ गृहण कर चुके थे।