आगरा। पिछले 2 साल से रमज़ान (Ramdan 2022) समेत सभी त्योहारों पर कोरोना का पहरा रहा है। जब कोरोना संक्रमण कम हुआ और तो लोग त्योहार पहले जैसे मना रहे हैं। इस समय रमजान चल रहा है और रहमतों और बरकतों का महीना रमज़ान खत्म होने वाला है। शुक्रवार को अलविदा जुम्मे नमाज अदा की गई। शहर भर की मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोगों ने अलविदा जुमे की नमाज पढ़ी। इस दौरान भारी संख्या में मस्जिदों के आसपास पुलिस बल भी तैनात रहा जिससे किसी भी विवादित स्थिति से निपटा जा सके। ईदगाह कब्रिस्तान छोटी मस्जिद पर भी भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग अलविदा जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए पहुंचे थे, सभी ने जुमे की नमाज अदा की।
क्या है अलविदा जुमा की नमाज
अलविदा जुमा का मतलब होता है कि जुमा को अलविदा कहना। रमज़ान महीने में 4 जुमा यानी चार शुक्रवार पड़ते हैं जिसमें से आखिरी जुमे को अलविदा जुमा के रूप में जाना जाता है। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से अपने या परिवार के लिए खास दुआ मांगते हैं। इसके साथ ही ईद मनाने की तैयारी जोरों-शोरों से शुरू हो जाती है।
कोरोना खात्मे के लिए की गई दुआ
अलविदा जुमे की नमाज अदा के दौरान सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों के हाथ सिर्फ इसलिए उठे कि जल्द से जल्द कोरोना खत्म हो सके। सभी ने अल्लाह ताला से देश में अमन, चैन कायम रहे और कोरोना का खात्मा हो इसके लिए दुआ की।
इस बार सड़कों पर नहीं हुई नमाज
अलविदा यानी जुमे की नमाज सड़कों पर नहीं हुई। इसके लिए कमेटियों, उलेमाओं और पेश इमामों ने खास ऐलान जारी किया है और लोगों से अपील की गई है। इस बार लोग अपने मोहल्ले की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ी। जामा मस्जिद और ईदगाह में नमाज हुई लेकिन मस्जिद और ईदगाह के अंदर।