आगरा। बिजली माफी बिल को लेकर आंदोलन करने वाले कांग्रेसियों पर जबरदस्त लाठीचार्ज हुआ है। हरीपर्वत थाना क्षेत्र के भगत हलवाई के नजदीक स्थित टोरेंट हेड ऑफिस पर कांग्रेसी आगरा की जनता के लिए लॉकडाउन में आने वाले बिजली बिल माफ करने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे थे। धरना प्रदर्शन की सूचना पर पहुंची पुलिस से पहले कांग्रेसियों की तीखी झड़प हुई और फिर मामला बढ़ जाने से पुलिस ने लाठियां बरसाना शुरू कर दिया।
बताते चलें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साढ़े तीन महीने के लॉकडाउन में आगरा की जनता आर्थिक तंगी से जूझ गई थी। उधर साढ़े तीन महीने में ताजनगरी को बिजली उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनी टोरेंट ने बिजली के मासिक बिल भेजे थे जिसके चलते कांग्रेस ने टोरेंट से बिजली बिल माफ करने की अपील की थी। जिस पर टोरेंट कंपनी ने कोई निर्णय नहीं लिया था। यही वजह थी कि कांग्रेस ने टोरंट के खिलाफ एक जनआंदोलन की शुरुआत की। मंगलवार को टोरेंट के हेड ऑफिस पर सभी कांग्रेसी पार्टी की जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। धरना प्रदर्शन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने टोरेंट कंपनी के कार्यालय को छावनी बना दिया। पहले कांग्रेसी और पुलिस के बीच में तीखी झड़प हुई और फिर जमकर लाठीचार्ज हुआ। इस दौरान कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित भी पुलिस कार्यवाई का शिकार बनी।
एसपी सिटी आगरा रोहन पी बोत्रे के नेतृत्व में कई थाना पुलिस ने कांग्रेसियों को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया तो वहीं कई कांग्रेसियों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में पुलिस कांग्रेसी नेताओं से पूछताछ कर रही है। वहीं कांग्रेसी नेता पुलिस और टोरेंट कंपनी पर आरोप लगा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आगरा में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते धारा 144 लागू है। धारा 144 के अंतर्गत कोई भी चार से ज्यादा व्यक्ति एक स्थान पर धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेसियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन के चलते पुलिस अभियोग पंजीकृत कर रही है।
वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लल्लू सिंह के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में इस तरीके के आंदोलन चलाए जा रहे हैं। जनहित में आंदोलन करने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ जहां पुलिस कार्यवाही कर रही है। इसके बावजूद कांग्रेसी आगे भी इस तरीके के आंदोलन और जनहित में धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।