आगरा। राजस्थान के दौसा में महिला चिकित्सक द्वारा आत्महत्या किए जाने के विरोध में आज आगरा शहर में सभी निजी चिकित्सकों ने 24 घंटे की हड़ताल रखी हुई है सुबह 6 बजे से ही सभी ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवाएं बंद है। निजी अस्पतालों में किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है जिसके चलते मरीज व तीमारदारों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बताते चलें कि राजस्थान के दौसा में एक अस्पताल में महिला चिकित्सक डॉ अर्चना की देखरेख में एक प्रसूता का इलाज चल रहा था। डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गयी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रसूता को पोस्टमार्टम हेम्रेज आया था लेकिन प्रसूता की मौत के बाद वहां महिला चिकित्सक के खिलाफ न केवल प्रदर्शन किया गया बल्कि उनके और उनके पति के खिलाफ मुक़दमा भी लिखा गया। इसके चलते महिला चिकित्सक ने आत्महत्या कर ली। इस घटना के विरोध में बीती शाम IMA आगरा की बैठक हुई जिसमें महिला चिकित्सक को श्रद्धांजलि देते हुए सभी निजी चिकित्सकों ने आज सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए अपने अस्पताल और क्लीनिक बंद रखने का फैसला किया था। जिसका असर आज पूरे शहर में दिखाई दिया।

देखने में आया कि शहर भर में निजी अस्पतालों में न ही किसी नए मरीज को भर्ती किया गया न ही इमरजेंसी सेवा हुई। इतना ही नहीं जो मरीज़ पहले से भर्ती थे उनके सिर्फ 2 परिजनों को ही अस्पताल के अंदर जाने की इजाजत दी गयी। इस कारण कई तीमारदार परेशान और गेट के बाहर ही खड़े नज़र आये। निजी अस्पताल बंद होने से सभी मरीजों में सरकारी अस्पतालों की ओर रुख किया।
वहीँ आज शाम को आईएमए बैनर के तले तोता का ताल स्थित आईएमए भवन से लेकर शहीद स्मारक तक मौन जुलूस निकाला जाएगा। जिसमें शहर भर के तमाम निजी चिकित्सक भाग लेंगे।