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होम आइसोलेशन के लिये मरीज को देना होगा शपथ पत्र, अब तक 15 मरीज हुए होम आइसोलेट

by admin

आगरा। अगर आप कोरोना संक्रमित है और कोई लक्षण नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप होम आइसोलेट भी हो सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको जरूरी नियम और शर्तो का पालन करना होगा। इसके लिए मरीज को एक शपथ पत्र भी मुख्य चिकित्सा आधिकारी के नाम से देना होगा जिसमें होम आइसोलेशन में रहने के लिए दी गयी नियम एवं शर्तों का पालन करने के लिए लिखा होगा। पहले टीम घर आकर उसका परीक्षण करेगी, इसके बाद परिवार के एक सदस्य को देखभाल के लिये ट्रेनिंग देगी फिर होम आइसोलेशन की सुविधा दे दी जाएगी।

इसका रखना होगा ध्यान:-

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.सी पांडेय ने बताया कि होम आइसोलेशन के लिये रैपिड रिस्पॉन्स टीम संक्रमित के घर पर जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेगी। अगर पेशेंट के लिये अलग वॉशरूम और अलग कमरा होने के साथ अन्य मानक पूरा होने पर ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। पेशेंट की देखरेख के लिये एक फैमिली मेंबर को ट्रेंड किया जाएगा और टीम लगातार पेशेंट की सेहत को ट्रैक करती रहेगी।

मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए घर के ही एक व्यक्ति का होना जरूरी बाकी का परिवार भी क्वाराइन्टीन रहेगा। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि घर में दो शौचालय होना जरूरी हैं। यह सब दो कमरे के मकान में संम्भव नहीं है। निश्चित तौर होम आइसोलेशन के लिए मरीज का कमरा और शौचालय अलग हो। उसे मास्क और ग्लव्स पहन कर रहना होगा साथ ही मरीज को पूरी किट भी खरीदनी होगी, जिसमें आक्सीमीटर, थर्मोमीटर, बताई गईं दवाइयां, ग्लव्स, मास्क, हाइपोक्लोराइड सौल्यूशन भी शामिल होगा। दस दिन के होम आइसोलेशन के दौरान अगर मरीज को बुखार नहीं आता तभी आसोलेशन पूरा माना जाएगा। दस दिन के बाद ठीक होने पर भी सात दिन तक मरीज को होम क्वाराइन्टीन रहना पड़ेगा। जनपद आगरा में 21 जुलाई से अब तक 15 मरीज होम आइसोलेट हुये हैं।

कौन से मरीज कर सकते होम आइसोलेशन –

1 – जिस व्यक्ति में लक्षण नहीं हैं उसे डॉक्टर चिह्नित करेंगे और वही आसोलेट कराएगे।
2 – जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कम है वह होम आइसोलेट नहीं किए जाएंगे। इनमें एचआईवी, कैंसर, अंग प्रत्यारोपित, कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले भी शामिल हैं।
3 – होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति 24 घंटे उपलब्ध हो। संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं संम्बन्धित अस्पताल के मध्य संम्पर्क बनाए रखना होगा।
4 – देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं रोगी के नजदीकी संपर्कों को प्रोटोकाल एवं उपचार प्रदान करने वाले डाक्टर के परामर्श के अनुसारहाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी।
5 – आरोग्य सेतु एप मोबाइल पर डाउनलोड कर वाईफाई से एक्टिव रखना होगा। इसके साथ ही दिन में दो बार इस एप पर सूचना को अपडेट करना होगा। स्मार्ट फोन नहीं होने पर रोगी द्वारा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।
6 – स्वास्थ्य विभाग द्वारा विकसित किए गए आइसोलेशन एप को भी मरीज को अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करना होगा।
7 – रोगी को अपने स्वास्थ्य के नियमित अनुश्रवण के दायित्व को स्वीकार करना होगा तथा जिला सर्विलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी।

डॉक्टर की जरूरत इन हालातों में पड़ेगी –

1 – मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो ।
2 – मरीज के शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाए।
3 – मरीज के सीने में लगातार दर्द हो रहा हो या फिर भारीपन हो।
4 – मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता 5 – मरीज को बोलने में समस्या आने लगे या मरीज के चेहरे या किसी अंग में कमजोरी।
6 – होठ या चेहरे पर नीलापन हो।

मरीज के लिए निर्देश:-

रोगी को हर समय त्रिस्तरीय मास्क पहनना होगा। मास्क को आठ घंटे के प्रयोग के बाद अथवा गीला या गंदा दिखने पर बदलना होगा।

इस्तेमाल मास्क को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल से विसंक्रमित करने के बाद ही निस्तारित करना होगा। रोगी को अपने घर के पूर्व चिन्हित कमरे में ही रहना होगा

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