चक्रवाती तूफान यास के अगले 24 घंटे बेहद गंभीर होने की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट में तूफान यास को लेकर मंगलवार को देश के कई हिस्सों में तूफान के साथ भारी बारिश के आसार बताए गए हैं। कहा जा रहा है कि यास तूफान बुधवार को बंगाल और ओडिशा तट पर पहुंचेगा। इस अलर्ट के बाद एनडीआरएफ की टीमों द्वारा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों के साथ मयूरभंज और क्योंझर जिलों को ज्यादा खतरा वाले क्षेत्रों में चिन्हित किया गया है। अलावा इसके कटक, पुरी, खूरा, नयागढ़, ढेंकानाल जिला प्रशासन को भी आपात स्थिति के मद्देनजर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
चक्रवाती यास को देखते हुए कोलकाता बंदरगाह 25 मई से बंद किया गया है। जिससे बंदरगाह पर जहाजों की आवाजाही भी निलंबित है।कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन दिलीप कुमार ने कहा कि एहतिहात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह से जहाजों का प्रवेश रोक दिया गया। अलावा इसके सोमवार दोपहर 2:00 बजे कार्गो रखरखाव के काम को भी रोक दिया गया। श्रमिकों को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया है। यह जानकारी भी दी कि बंदरगाह की सड़कों पर माल ढोने वाले वाहनों की आवाजाही शाम 6:00 बजे से बंद कर दी जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवात के बुधवार दोपहर के आसपास पश्चिम बंगाल की सीमा के साथ उत्तरी ओड़िशा में बालेश्वर के पास पहुंचने की उम्मीद है।ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान यास के दस्तक देने के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बालासोर जिले के लिए बचावकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी को रवाना किया है। विशेष राहत आयुक्त (SRC) पी के जेना ने मीडिया को बताया कि मौसम विभाग से मिली जानकारी के आधार पर ओडिशा सरकार राज्य में चक्रवात को देखते हुए सुरक्षा संबंधी सभी उपाय करने में जुटी है। वहीं यास की दस्तक देने के दौरान 2 से 4.5 मीटर की ऊंची लहरें उठने के अनुमान भी बताए जा रहे हैं।के आगमन के मद्देनजर सभी कदम उठा रही है। आगे उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह प्रक्रिया मंगलवार दोपहर तक चलेगी। जानमाल का नुकसान रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।’’
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 22 टीमें, ओडिशा आपदा मोचन बल (ओडीआरएएफ) की 50 टीम, दमकल सेवा के 150 कर्मियों और पेड़ काटने वाली 35 टीमों को खतरे वाले जिलों में तैनात किया है। अलावा इसके उड़ीसा राज्य ने एनडीआरएफ की 30 और टीमों की मांग की है।