आगरा। बेरोजगारी को लेकर एक बार फिर एनएसयूआई के कार्यकर्त्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एनएसयूआई के आरोप है कि मोदी सरकार में रोजगार के अवसर न मिलने के कारण पढ़े लिखे युवा बेरोजगार होकर घूम रहे है और अपराध का रास्ता अपना रहा है लेकिन सरकार को इससे कोई सरोकार नही है। बढती बेरोजगारी और मोदी सरकार की तानाशाही को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओ में रोष व्याप्त है।
बुधवार को बेरोजगारी की समस्या को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के प्रति अपना आक्रोश जताने के लिए खंदारी परिसर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और बूट पोलिश कर अपनी नाराजगी जताई। आक्रोशित एनएसयूआई कार्यकर्ता खंदारी परिसर के गेट पर बैठ गए और वहाँ से गुजर रहे लोगों से बूट पोलिश कराने के लिए निवेदन करने लगे। काफी संख्या में लोगों ने बूट पोलिश कराई और पैसे भी दिए।
बूट पोलिश के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के बेरोजगारों को रोजगार दिलाये जाने के वायदे को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दी। गौरव शर्मा का कहना था कि मोदी सरकार के चुनावी एजेंडे में बेरोजगारी का मुद्दा शामिल था लेकिन जो लोग डिग्री लेकर सड़को पर घूम रहे है उन्हें आज तक रोजगार नही मिला है। क्योंकि इस सरकार में रोजगार के अवसर मिले ही नही। पिछले दिनों बेरोजगारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पढे लिखे नौजवानो को पकोड़े तलने की सलाह दे दी थी तो आज यह युवा नौकरी न मिल पाने के कारण बूट पोलिश करने को मजबूर है।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब व्यक्ति को बूट पोलिश और पकोड़े ही तलकर अपनी रोजी रोटी चलानी है तो फिर पढ़ाई लिखाई का क्या महत्व है। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि मोदी सरकार में युवा की दुर्दशा हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेरोजगारी की समस्या छोड़ अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हुए है।