नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े निर्णय लेने के बाद आम लोगों की यह उम्मीद थी की 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में मध्यम वर्गीय और नौकरी पेशा को काफी राहत मिलेगी तो वहीँ ये बजट कुछ नई उम्मीदों को लेकर आएगा लेकिन मोदी सरकार के इस बजट में मध्यम वर्गीय और नौकरीपेशा लोगों को झटका लगा है।
जी हां, जब अरुण जेटली संसद में अपना बजट पेश कर रहे थे तो लोगों को तो लोग ऑफिस तो में भी टकटकी लगाकर TV देख उम्मीद जता रहे थे कि उनकी पिटारे से नौकरी पेशा लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में कुछ राहत जरूर इस बार मिलेगी लेकिन जेटली के पिटारे से ऐसा कुछ नहीं निकला और लोगों को सिर्फ मायूसी मिली।
इनकम टैक्स स्लैब में इस बार किसी भी तरह का बदलाव ना होने से लोग मायूस नजर आए। उनका कहना था कि पिछली बार भी जेटली के पिटारे से कुछ खास नौकरीपेशा लोगों के लिए नहीं निकला था तो इस बार उम्मीद लगाई जा रही थी कि टैक्स स्लैब में इस बार जरूर बदलाव होगा और उन्हें राहत मिलेगी लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली का पिटारा नौकरीपेशा लोगों के लिए खाली निकला और उन्होंने इस बार इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया।
बहरहाल अभी तक वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए बजट में आम लोगों को कुछ खास नहीं मिला है जिसके चलते मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा लोग मोदी सरकार के इस वजह से नाराज नजर आ रहे हैं। कहा जा सकता है अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कहीं यह मध्यमवर्गीय वोट बैंक मोदी सरकार से दूरी ना बना ले।