दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार लाभ के पद के मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है, जिसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। आपको बता दें कि इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ा था।
मामला अब राष्ट्रपति पर जाकर अटक गया है। चुनाव आयोग की ओर से भेजी गयीे संस्तुति की रिपोर्ट पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी तो आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी लेकिन अगर ‘आप’ पार्टी चाहे तो इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
आपको बताते चलें कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। इसे लाभ का पद बताते हुए प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत की थी। पटेल ने इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई है।
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग केंद्र के दवाब में कार्य कर रहा है। चुनाव आयोग ने विधायकों के पक्ष को बिना सुने ही इस कार्यवाही को अंजाम दिया है।
चुनाव आयोग ने आप पार्टी के जिन 20 विधायकों की सूची राष्ट्रपति को भेजी है उनके नाम इस प्रकार हैं-
आदर्श शास्त्री (द्वारका)
अवतार सिंह (कालकाजी)
नितिन त्यागी (लक्ष्मी)
अनिल कुमार बाजपेयी (गांधी नगर)
मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
विजेंद्र गर्ग विजय (राजेंद्र नगर)
शिवचरण गोयल (मोती नगर)
संजीव झा (बुराड़ी)
कैलाश गहलोत (नजफगढ़)
सरिता सिंह (रोहताश नगर)
अलका लांबा (चांदनी चौक)
नरेश यादव (महरौली)
मनोज कुमार (कौंडली)
राजेश गुप्ता (वजीरपुर)
राजेश ऋषि (जनकपुरी)
सुखबीर सिंह दलाल (मुंडका)
जरनैल सिंह (तिलक नगर)
प्रवीण कुमार (जंगपुरा)