केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल पर टैक्स घटाकर पेट्रोल के दामों में कमी करके आम व्यक्ति को राहत जरूर दी है लेकिन पेट्रोल पंप मालिकों की दिवाली का दिवाला निकाल दिया। पेट्रोल पंप मालिकों ने दीपावली से 1-2 दिन पहले पेट्रोल कंपनियों से पेट्रोल खरीदा था लेकिन दीपावली के एक दिन पहले केंद्र सरकार की ओर से फिर राज्य सरकार की ओर से टैक्स घटाकर पेट्रोल और डीजल लगभग ₹12 सस्ता कर दिया जिससे पेट्रोल पंप मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इस नुकसान पर पेट्रोल पंप मालिक कुछ बोलना तो नहीं चाहते लेकिन दबी जुबान से अपना दर्द जरूर जाहिर कर रहे हैं।
एक डीज़ल व पेट्रोल का फुल टैंकर करीब 25000 लीटर का होता है जिसमें चैम्बर बने होते है। यूं समझ लीजिए आधे हिस्से में पेट्रोल व दूसरे हिस्से में डीजल। पेट्रोल पंप मालिक इस टैंकर के माध्यम से उक्त माल को तेल कंपनी के निकटवर्ती गोदाम से मंगवाते है। अभी तक सरकार ने कभी 20 पैसे तो कभी 15 पैसे कभी 35 पैसे इस तरह धीरे धीरे दाम बढ़ाते हुए पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ाए, इस दाम वृद्धि से पेट्रोल पंप मालिकों को कोई फायदा नहीं होता, उल्टा उन्हें अगले दिन स्टॉक खरीदने हेतु ज्यादा वर्किंग कैपिटल की जरूरत होती है।
नाम न छापने की शर्त पर एक पेट्रोल पंप स्वामी ने बताया कि पहले से ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल पंप व्यवसायियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सभी चीज ऑनलाइन है और हर चीज का रिकॉर्ड तुरंत अपलोड हो जाता है। अभी तक तो पैसों में कटौती और बढ़ोतरी होती थी तो पेट्रोल पंप स्वामी उसे आसानी से झेल लेते थे लेकिन इस बार सरकार ने एक साथ लगभग ₹12 रुपये कटौती करके उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दीपोत्सव के दौरान हर व्यक्ति अपनी गाड़ी को पेट्रोल और डीजल से फुल रखता है। इसीलिए पेट्रोल व डीजल की कमी न हो सभी ने स्टॉक भरवा कर रखा था। जब पेट्रोल और डीजल का स्टॉक भरवाया गया था तो उस समय पेट्रोल ₹106 के आसपास बिक रहा था लेकिन दीपावली के 1 दिन पहले ही केंद्र सरकार ने टैक्स में कटौती की और अगले दिन यूपी सरकार नेट पैक घटाकर पेट्रोल और डीजल लगभग ₹12 सस्ता कर दिया जिससे उन्हें दुगनी मार पड़ी है।
पेट्रोल कंपनियों ने उधार में दिया स्टॉक
नाम न बताए जाने की शर्त पर पेट्रोल पंप स्वामी ने बताया कि पेट्रोल पंप कंपनियों ने दीपावली से पहले ही उन्हें स्टॉक भरवाने के लिए कहा था और इसके लिए उन्होंने उधार में ही पेट्रोल व डीजल भी दिया। ऐसा लगता है कि पेट्रोल पंप कंपनियों को मालूम था कि पेट्रोल और डीजल सस्ता होने वाला है इसीलिए लोगों को उधार में भी पेट्रोल और डीजल दिया गया। पेट्रोल कंपनियों को तो घाटा नहीं हुआ लेकिन पेट्रोल पंप स्वामियों की दीपावली काली हो गई।
8 से 30 लाख रूपए तक का घाटा
पेट्रोल पंप स्वामी ने बताया कि जिसके पास खाली पेट्रोल का ही पंप है वह पेट्रोल स्वामी भी लगभग 8 लाख के घाटे में है और जिनके पास पेट्रोल और डीजल दोनों ही पंप है, वह लगभग 30 लाख के घाटे में चला गया है। सरकार के इस फैसले से कुछ पेट्रोल पंप स्वामित्व टेंशन में है और समझ ही नहीं पा रहे कि वह आगे क्या कदम उठाएं और व्यापार कैसे करें।