आगरा। लगभग पिछले 24 दिनों से किसान नेता श्याम सिंह चाहर जिला अस्पताल में भर्ती हैं। वे भूख हड़ताल और अनशन पर चल रहे हैं लेकिन भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर पीछे हटते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। न ही उनका मनोबल टूटता हुआ नजर आ रहा है। विजयदशमी के पावन पर्व पर मून ब्रेकिंग ने किसान नेता श्याम सिंह चाहर से खास बातचीत की तो उनकी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। उनके निशाने पर पूरी तरह से आगरा मंडल आयुक्त नजर आए।
मंडल आयुक्त की तुलना रावण से
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने आगरा मंडल आयुक्त की तुलना रावण से की है। विजयदशमी के पावन पर्व पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन आगरा मंडलायुक्त इस समय अपने घमंड में है। जब रावण का घमंड नहीं रहा जिसके 10 सिर हुआ करते थे तो इनका घमंड कहां रहेगा, इनकी भी रावण की तरह ही दुर्दशा होगी।
किसानों की बलि चाहते हैं मंडलायुक्त
किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि आगरा मंडल आयुक्त किसानों की बलि चाहते हैं। इनके कार्यकाल ने न जाने उन्होंने कितने किसानों की बलि ली होगी, इस पूरे मामले की भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राम और रावण के बीच यानी अच्छाई और बुराई के बीच जब युद्ध हुआ था तो राम की सेना का भी संहार हुआ था। इसी तरह आगरा मंडल आयुक्त भी अब किसानों का संहार चाहते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम आखिरकार जीत राम की हुई थी तो इस लड़ाई में जीत भी किसानों की होगी।
गर्दन बचाने में लगे हैं मंडलायुक्त
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा कि आगरा मंडल आयुक्त अपने साथ-साथ दोषी अधिकारियों की गर्दन बचाने में लगे हुए हैं। जब पूरे मामले की जांच हो गई, अधिकारी दोषी साबित हो गए फिर भी मंडलायुक्त कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं। अपनी गर्दन बचाने के लिए मंडलायुक्त पूरे मामले को जिलाधिकारी पर डाल देते हैं जबकि पूरी कार्रवाई मंडलायुक्त को करनी है।
नहीं टूटेगा अनशन चाहे चली जाए जान
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अनशन किसी भी कीमत पर नहीं टूटेगा। चाहे उनकी जान ही क्यों ना चली जाए। वह किसानों की हक की लड़ाई के लिए इस मैदान में उतरे हैं और बिना जीत या हार हुई या जान जाने तक वे यहां से वापस नहीं लौटेंगे।