आगरा। एत्मादपुर के थाना बरहन क्षेत्र के गोवल में रेलवे काॅरीङोर के लिए रेलवे ने करीब तीस वीघा जमीन की खुदाई के लिए परमीशन ली है लेकिन मिट्टी लाने का ठेका टाटा कंपनी ने लिया है। कंपनी के ठेकेदारों से माफिया घुल मिल गये हैं ओर रेलवे की मिट्टी को तीन हजार रुपये प्रति ङंपर की दर से रात्रि होंने पर बेच दिया करते हैं।
बरहन के सराय रोङ पर ङाली जाती है अवैध में मिट्टी। इस मामले में बरहन पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि रेलवे निर्माण के लिए लायी जा रही है मिट्टी काॅरीङोर के वजाय कस्बे में थाने के सामने से गुजर जाती हैं लेकिन पुलिस का कोई ध्यान नहीं है। ठेकेदार खनन विभाग द्वारा जारी अनुमति पत्र में खामियों का गलत फायदा उठा रहे हैं। कई बार डम्पर पकड़े भी गए लेकिन अनुमति पत्र दिखाने के बाद छोड़ दिये गए।
रेलवे के निर्माणाधीन डेडीकेटेड फ्रेन्ट कॉरीडोर के नाम पर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मिट्टी का खनन कर बेचा जा रहा है। ठेकेदार खनन विभाग द्वारा जारी अनुमति पत्र में खामियों का गलत फायदा उठा रहे हैं। बरहन के गांव गोवल में कई दिन से खनन कर मिट्टी को एक जगह एकत्र किया गया है। मिट्टी को जेसीबी से टैक्टर और डंपर में भरकर खरीदार के प्लाट आदि तक पहुंचाते हैं।एक डंपर मिट्टी की कीमत 3200 रूपये वसूली जाती है।
बताया गया है कि नगला मददे रोड, मुखवार रोड, अहारन रोड, सराय जैराम आदि गांवों में हजारों डंपर मिट्टी को बेचा जा चुका है। डंपर रात में कस्बा सहित आसपास के गांवों में मिट्टी लेकर गुजरते हैं। इससे खंरजा, नाली आदि टूट गए हैं। ग्रामीण इस पर विरोध जता चुके हैं।
जब इस संबंध में एसओ बरहन सुभाष सिंह कठेरिया से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया गोवल पर पड़ी मिट्टी की रांयल्टी साथ है, जिसे खनन विभाग की अनुमति से खंदौली से लाया गया है। तय स्थान तक डंपर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए मिट्टी एकत्र की गई है। इसे टैक्टर-ट्रालियों से पहुंचाया जा रहा है।
रिपोर्ट – पवन शर्मा, एतमादपुर