आगरा। ताजमहल के शहर में पत्रकारों ने नया संगठन बनाया है जिसका नाम है जर्नलिस्ट एसोसिएशन। यह संस्था न केवल पत्रकारों के हितों का ध्यान रखेगी बल्कि उन पत्रकारों की मदद करेगी जो आर्थिक रूप से परेशान हैं, पीड़ित हैं या किसी के द्वारा सताए जा रहे हैं। प्रारंभिक तौर पर संस्था के साथ 150 सदस्य जुड़े हैं। संस्था गठन के मौके पर सभी ने जिन्दाबाद का नारा लगाकर पत्रकार एकता का परिचय दिया गया।
पत्रकारों की हर तरह से मदद
शहर में पत्रकारों के कई संगठन पूर्व से ही संचालित हैं। बड़े कार्यक्रम भी कराए जाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि पत्रकारों की धरातल पर कोई मदद नहीं हो पा रही है। एक-दो मामलों को छोड़ दें तो शहर में आये दिन यदि किसी पत्रकार के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती तो उसे यह कहकर अकेला छोड़ दिया जाता है कि यह तो पोर्टल का है या फलाने का है। कोई पत्रकार बीमार है तो उसे कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है। ऐसे में प्रतिदिन काम के बोझ के तले पत्रकार असहाय हो जाता है। इन्हीं विषयों को ध्यान में रख तमाम पत्रकारों ने विचार-विमर्श किया और एक ऐसा नया संगठन खड़ा करने का निर्णय लिया जो आर्थिक, सामाजिक और पुलिस-प्रशासन उत्पीड़न के शिकार पत्रकारों की हर तरह से मदद करेगा।
पत्रकारों की पहली बैठक 118, मानस नगर, शाहगंज में हुई। इसमें जर्नलिस्ट एसोसिएशन के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया गया, साथ ही सर्वसम्मति से कार्यकारी अध्यक्ष पद पर डॉ. भानु प्रताप सिंह और कार्यकारी उपाध्यक्ष पद पर मनीष जैन के नाम की घोषणा की गई। पत्रकारों ने पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया।
बनेंगे सुख-दुःख के साथी
डॉ. भानु प्रताप सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एक दूसरे के सुख-दुख का साथी बनना है। पत्रकार होने के नाते हकीकत से सबको रूबरू कराते रहेंगे। उन्होने कहा कि हम आइना हैं दिखाएंगे दाग चेहरों के, जिसे खराब लगे, सामने से हट जाए।
इस मौके पर पत्रकार मोहम्मद आरिफ खान, ओपी वरुण, राजकुमार तिवारी, अनुज तिवारी, निशांत नागर, शिव चौहान, अज्जु चौहान, अर्पित राजावत, होशियार सिंह, आकाश वर्मा, मनीष जैन, विवेक जैन, प्रीति नागिया, कृष्णा त्यागी, विनीत वर्मा, गोपाल, मस्तकीम सेफी, हरेंद्र, शैलेन्द्र, सद्दाम, गुलमोहम्मद, राकेश बाल्मीकि, सत्यप्रकाश, आकाश वर्मा, लक्षमण शर्मा, कपिल गौतम, अर्जुन सिंह, राघवेंद्र, पियूष पंडित, सतीश मिश्रा के अलावा आगरा शहर के तमाम सम्मानित पत्रकार गण, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और पोर्टल मीडिया के लोग मौजूद रहे। संचालन शकील अहमद ने किया।