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डॉ. भानु प्रताप सिंह की पुस्तक ‘मेरौ गाम चपौटा’ का लोकार्पण, डीएम ने कहा- ‘जन्मभूमि से मां जैसा रिश्ता मानें’

by admin
  • अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील का गांव है चपौटा
  • तीन दिन में गांव का कायाकल्प करने वालों को सम्मान
  • बुजुर्ग और कई गांवों के प्रधान भी किए गए सम्मानित

अलीगढ़। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने ‘मेरौ गाम चपौटा’ पुस्तक की रचना की है। पुस्तक का लोकार्पण पंचायत घर चपौटा में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, आर.एस.एस. के वरिष्ठ प्रचारक ख्यालीरामजी, डॉ. ओमप्रकाश वर्मा, लक्ष्मण सिंह (प्रधान), एसडीएम अतरौली महिमा, डीपीआरओ धनंजय जैससवाल, लेखक डॉ. भानु प्रताप सिंह आदि ने किया। पुस्तक में चपौटा गांव का इतिहास खोजा गया है। यह पाया गया कि गांव को बसाने वाले पूर्वज आगरा किला में किलेदार की भूमिका में थे। 1857 में अंग्रेजों का साथ न देने के कारण उन्हें किला छोड़ना पड़ा। गांव चपौटा अतरौली विकास खंड का गांव है। ढाई घंटा चले कार्यक्रम में करीब दो हजार लोग मौजूद थे। मंचासीन अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया।

इस मौके पर जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि अपने पूर्वजों की खोज करना बड़ी बात है। अपनी जन्मभूमि से मां की तरह रिश्ता मानें। देश और प्रदेश के साथ गांव भी बदल रहे हैं। गांवों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। डीपीआरओ को निर्देश दिया कि दो माह चपौटा को आदर्श गांव बनाएं। सभी ग्रामवासी सहयोग करेंगे तभी आदर्श गांव बन सकता है। उन्होंने अपने गांव की जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया। महिलाओं से कहा कि वे अपनी बेटियों पर विश्वास करना सीखें।

आर.एस.एस. के वरिष्ठ प्रचारक ख्यालीराम ने कहा- मेरा गांव मेरा तीर्थ है। जो गांव से बाहर चले गए हैं, वे वर्ष में एक बार गांव आएं। गांव को गोद लेकर विकास कराएं। गांव का विकास देश का विकास है क्योंकि भारत गांवों का देश है।

अध्यक्षता करते हुए डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने कहा- मैं डॉ. भानु प्रताप सिंह को बधाई देता हूं कि वे पत्रकारिता के उच्च शिखर पर पहुंचने के बाद भी गांव को भूले नहीं हैं। ख्यालीराम जी के प्रयासों से गांव में अनेक कार्य हुए हैं। हमारा गांव आदर्श बनना चाहिए।

ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह ने ‘मेरौ गाम चपौटा’ पुस्तक प्रकाशन को गांव की उपलब्धि बताया। जिलाधिकारी से मांग की कि चपौटा को आदर्श गांव बनाया जाए। इस संबंध में उन्होंने एक ज्ञापन भी डीएम को सौंपा।

शिक्षाविद मास्टर अमर सिंह ने ‘मेरौ गाम चपौटा’ पुस्तक की कविता ‘मोकूं याद भौत आय रई मेरे गांव की’ का पाठ किया। पूर्व प्रधान हरवीर सिंह ने आभार प्रकट किया। अरविन्द ने गीत प्रस्तुत किया- देश हमें देता है सब कुछ..।

लेखक डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पुस्तक में चपौटा गांव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। गांव की प्रमुख हस्तियों के बारे में अवगत कराया गया है। पुस्तक के दूसरे खंड में कविताएं हैं। गांव पर केन्द्रित कविताएं ध्यान आकर्षित करती हैं। यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने संदेश में कहा है कि यह पुस्तक शहर की भागदौड़ भरी जिन्दगी में गांव लौटने की ओर प्रेरित करती है। पुस्तक में डीएम इंद्र विक्रम सिंह्, अंकित खंडेलवाल (पूर्व सीडीओ, अलीगढ़) का भी संदेश समाहित है। अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया।

चपौटा के बुजुर्ग पीताम्बर सिंह, दिलीप सिंह, वीर सिंह दरोगा जी, सत्यवती देवी, चमेली देवी पत्नी भीमसेन, भगवती देवी मुखियाजन का शॉल, कुर्ता पायजामा, अंगोछा, पटका के साथ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने स्वागत किया। चपौटा के पूर्व ग्राम प्रधान चन्द्रदेव वर्मा, रामचरन सिंह, महारानी देवी, महादेवी देवी, भगवान देवी, हरवीर सिंह का सम्मान किया गया।

तीन दिन में ही चपौटा गांव का कायाकल्प करने वाले डीपीआरओ धनंजय जैसवाल, एडीओ पंचायत रंजीत सिंह वर्मा, ग्राम पंचायत सचिव प्रवीन मथुरिया, लेखपाल योगेश कुमार गुप्ता, एडीओ आईएसपी देशराज सिंह, पत्रकार योगेश राजपूत, अमर उजाला के भूपेन्द्र चौधरी, दैनिक जागरण के मुकेश वर्मा, हिन्दुस्तान के सूरजपाल सिंह का सम्मान भी किया गया।

अंकिता सिंह, ममता, मुकेश कुमार, मनोहर लाल, रजत प्रताप सिंह, ज्ञान प्रकाश, जितेन्द्र कुमार, योगेश कुमार डीएसपी आदि ने सहयोग किया। मास्टर अमर सिंह ने शानदार संचालन किया।

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