Home » असंगठित मजदूर के हित में ग्रामीण मजदूर संगठन एवं श्रमिक शिक्षा संस्थान ने शासन के समक्ष रखी ये मांग

असंगठित मजदूर के हित में ग्रामीण मजदूर संगठन एवं श्रमिक शिक्षा संस्थान ने शासन के समक्ष रखी ये मांग

by admin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन एंव उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक शिक्षा संस्थान के पाँच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आर के तिवारी एंव प्रमुख सचिव श्रम एंव सेवायोजन सुरेश चन्द्रा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं को उनके सामने रखा और 11 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन सौप कर समस्या समाधान की मांग की।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन एंव उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक शिक्षा संस्थान के प्रतिनिधि मंडल ने इस मुलाकात के दौरान आगरा के वार्ड 19 शान्ती नगर में मजदूरों के बच्चों के लिये बेहतर शिक्षा दिए जाने के लिए प्राथमिक विद्यालय बनाये जाने की मांग पर भी जोर दिया।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन एंव उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक शिक्षा संस्थान के संस्थापक तुलाराम शर्मा का कहना था कि केंद्र व राज्य की सरकार बनानें में पत्थर खदान, भवन निर्माण, ईट भट्टा, घरेलू महिला श्रमिक, ढकेल वाले, रिक्शा चालक, सड़क बनाने वाले, बेलदार, पल्लेदार व अन्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है लेकिन इसके बावजूद असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही हैं जिसका मुख्य कारण बेरोजगारी है। श्रमिकों को महीने में दस दिन कार्य लेवर चौक पर इकट्टा होकर मिलता हैं। शिक्षा, स्वास्थय, सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वो उपेक्षित रहते हैं। तुलाराम शर्मा ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए निम्नलिखित मांगे उठाई।

  1. पत्थर खदान श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार की तरह उत्तर प्रदेश में भी सिलिकोशिस बोर्ड बनाया जाये तथा आगरा जनपद के तांतपुर क्षेत्र में पत्थर खदान श्रमिकों के लिए स्वास्थय केन्द्र की स्थापना की जायें।
  2. ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर अंसगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कम से कम 600 रूपये प्रतिदिन न्यूनतम वेतन दिया जाये तथा 18000रू प्रतिमाह वेतन दिया जाये। 8 घण्टे काम लिया जाये। 8 घण्टे से अधिक काम लेने पर ओवर टाईम मजदूर को दिया जाये।
  3. प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर लघु सचिवालय स्थापना की जाये। जिससे गाँव के गरीब श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर योजनाओं का लाभ मिल सके।
  4. प्रत्येक लेबर चौक पर मजदूरों केे बैठने के लिये स्थाई जगह तथा श्रमिक सहायता केन्द्र खोले जायें। जिससे श्रमिकों को योजनओं का लाभ मिले ,पेयजल व शौचालय की व्यवस्था की जायें।
  5. असंगठित क्षेत्र की श्रमिक महिलाओं को समान कार्य का समान वेतन व अधिकार दिया जाये तथा कार्य स्थल पर स्वास्थय व सुरक्षा का लाभ मिले।
  6. बाल श्रमिकों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्र गा्रमीण क्षेत्रों में चलाये जाये जिससे ग्रामीण क्षेत्र के कामकाजी बच्चे एंव जो स्कूल से बाहर हैं ऐसे बच्चों को शिक्षा के प्रति न्याय मिल सकें। जिससे बाल श्रमिकों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक, शैक्षिक विकास की ओर अग्रसर होकर देश के विकास के प्रति निष्ठावन बन सकें।
  7. घरों, कोठियों, ईट,भट्टा, कृषि, पशु चराने एंव घरों में अपने परिवार के साथ काम करने पर पाबन्दी लागई जाये। क्योंकि फैक्ट्रियों /कम्पनियों से ठेकेदारी के माध्यमों से माल लाकर घरों में परिवार के साथ बच्चे काम करते रहते हैं जिससे उनका बचपन व शिक्षा छूट जाती है।
  8. शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक काॅलोनियों का निर्माण कराया जायें। जिससे गरीब श्रमिको को रहने के लिए घर मिल सें।
  9. जो निर्माण श्रमिक गाँवों में या लेबर चैकों से निर्माण कार्य में काम करने जाते हैं ऐसे श्रमिक कहाँ से प्रमाण पत्र ठेकेदारों से लाकर देंगे। ऐसे श्रमिकों को स्वंय का प्रमाण पत्र मान्य किया जाये या ट्रेड यूनियन को सत्यापन करने का अधिकार दिया जायें।
  10. निर्माण क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिक महिलाओं को बी ओ सी डब्ल्यू योजना के तहत सिलाई मशीन से लाभान्वित कराया जायें जिससे वे अपना स्वंय का रोजगार चला सकें तथा निमार्ण श्रमिकों को शौर्य ऊर्जा योजना से लाभान्वित कराया जाये।
  11. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना ( मनरेगा ) के तहत 200 दिन काम दिया जायें नही तो बेरोजगारी भत्ता दिया जायें।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन एंव उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक शिक्षा संस्थान के संस्थापक तुलाराम शर्मा का कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आर के तिवारी एंव प्रमुख सचिव श्रम एंव सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने ग्रीन5 मजदूरों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्राथमिक विद्यालय बनाये जाने और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के लिए मांग पत्र पर कार्यवाही करने के प्रति आश्वस्त किया है।

Related Articles