Agra. मंटोला के महावीर नाले में गिरकर 11 वर्षीय बच्चे की हुई मौत के मामले में नगर आयुक्त आगरा और अधिशासी अभियंता (नगर निगम) की गर्दन फंस सकती है। इस संबंध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमे आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एसपी स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच करवा कर आख्या 22 नवम्बर 2021 तक पेश करने के निर्देश दिए है।
ये है मामला
मामला 17 जुलाई 2021 है। खेमचंद का 11 वर्षीय पुत्र घर के बाहर खेल रहा था और नाले की बाउंड्री छोटी होने के कारण गहरे नाले में जा गिरा। नाले में बच्चे के गिरने की पड़ोसियों ने जानकारी दी। तभी एक पड़ौसी युवक बच्चे को बचाने के लिए नाले में कूदा और बच्चे को बाहर निकाला। बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होने पर पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी और कानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर बच्चे का पोस्टमार्टम भी कराया लेकिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
सुनवाई न होने पर ली न्यायालय की शरण
मृतक के पिता का कहना है कि इस मामले में थाना मंटोला में तहरीर दी गयो लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिलाधिकारी व एसएसपी महोदय को भी प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कार्यवाही ढाक के तीन पात ही रही। जिसके बाद अधिवक्ता के सहयोग से न्यायालय में वाद दायर किया है।

अधिकारियों की फंस सकती है गर्दन
इस संबंध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा महावीर नाले की स्थित पर उसकी बाउंड्री वाल सहित मामले की जांच के लिए एक आदेश जारी किया गया है। जिसमे आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एसपी स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच करवा कर आख्या 22 नवम्बर 2021 तक पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगर सही रिपोर्ट सामने आई तो नगर आयुक्त और अधिशासी अभियंता की गर्दन फस सकती है।

लापरवाही बरतने का आरोप
अधिवक्ता जितेंद्र कुमार कर्दम का कहना है कि नाला महावीर में 11 वर्षीय बच्चे की गिरने से मौत हुई थी। इस संबंध में निगम की लापरवाही की शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। न्यायालय के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमे आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एसपी स्तर के अधिकारी से जांच करवा कर आख्या 22 नवम्बर 2021 तक पेश करने की बात कही गई है।