Home » बारादरी प्रकरण में रामलीला कमेटी ने मुक़दमे पर जताई आपत्ति, करोड़ों की संपत्ति सुरक्षित रखने पर होगा संकट

बारादरी प्रकरण में रामलीला कमेटी ने मुक़दमे पर जताई आपत्ति, करोड़ों की संपत्ति सुरक्षित रखने पर होगा संकट

by admin
In the Baradari episode, the Ramlila Committee objected to the case, there will be a crisis if the property worth crores is safe

Agra. बारादरी प्रकरण मामले में रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों पर दर्ज हुए मुक़दमे का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुकदमे को लेकर रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों व इस आयोजन से जुड़े लोगों में रोष व्याप्त है। सोमवार को मन:कामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा रामलीला कमेटी के चार पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पर प्रेसवार्ता की और इस मुकदमे पर आपत्ति जताते हुए अपना पक्ष रखा। कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने कहा कि अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं हुआ तो हमें आयोजन पर विचार करना होगा। फिलहाल वे प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे लेकिन इन परिस्थितियों से आगरा की 135 वर्ष पुरानी रामलीला के आयोजन पर संकट खड़ा जरूर हो गया।

ये है मामला –

पिछले दिनों इस मामले की आई रिपोर्ट के आधार पर मन:कामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा रामलीला कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल, मंत्री राजीव अग्रवाल, अतुल बंसल और योगेश कुमार के खिलाफ मुकदमा कराया गया है। उन्होंने साजिश के तहत बारादरी का कूटरचित जाली नक्शा तैयार कर प्रशासनिक अधिकारियों को दिखाने का आरोप रामलीला कमेटी पर लगाया था।

वीडियो किया जारी-

प्रेसवार्ता के दौरान इस मुकदमे को लेकर रामलीला कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल का वीडियो भी जारी किया गया जिसमें वो अपना पक्ष रखते हुए कह रहे हैं कि वो 89 वर्ष के हैं। चलने-फिरने में लाचारी के चलते दो वर्षों से घर से बाहर नहीं निकले हैं। उनके खिलाफ जनवरी में मारपीट करने की शिकायत की गई। बिना किसी स्वार्थ के हम रामकाज कर रहे हैं। ऐसे मुकदमे होंगे तो वो कैसे कार्य कर पाएंगे।

झूठा मुकदमा कराया दर्ज –

अतिथि वन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि मठ प्रशासक द्वारा लगातार पिछले 8-10 वर्षाें में रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें कर कुचक्र रचा है। रक्षा संपदा विभाग ने सूचना का अधिकार में मांगी गई जानकारी में अवगत कराया था कि बारादरी का मास्टर प्लान कार्यालय में ट्रेसेबल नहीं है, जिसका अर्थ है कि विभाग में नक्शा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मठ प्रशासक ने जिला प्रशासन के समक्ष तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया।

उन्होंने कहा कि छावनी बोर्ड ने वर्ष 1945 में रामलीला कमेटी को जीर्णोद्धार व नए निर्माण की अनुमति प्रदान की थी। वर्ष 2013 में मठ प्रशासक ने कमेटी के अध्यक्ष स्व. विधायक जगन प्रसाद गर्ग व अन्य के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था, जो न्यायालय में विचाराधीन है। पिछले वर्ष मठ प्रशासक ने बारादरी की दीवार तोड़कर दरवाजा निकाल लिया। इसकी शिकायत पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से की जा चुकी है। जनवरी में उन्होंने रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मारपीट, धमकाने व कब्जे की शिकायत की थी, जो पुलिस ने खारिज कर दी। बारादरी की चाबियों के मामले में हाईकोर्ट में मठ प्रशासक की रिट खारिज हो चुकी है। वर्ष 2018 में दीवानी न्यायालय ने भी कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ स्वामित्व का बोर्ड लगाने से संबंधित मामला खारिज कर दिया था।

रामलीला आयोजन पर संकट:-

रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने कहा कि इन विषम परिस्थितयों में आगरा में रामलीला का आयोजन कैसे संभव है? क्या रामकाज करने वालों को इस तरह परेशान किया जाएगा? क्याें न कमेटी आयोजन को बंद करने का निर्णय ले ले। इस दौरान उन्होंने कहा कि कमेटी आगरा के जन प्रतिनिधियों से आग्रह करती है कि वो आगरा की रामलीला को बचाने को अपना रुख तय करें और कमेेटी के सहयोग को आगे आएं। मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील है कि वो कुचक्र रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। व्यापारी नेता और रामलीला कमेटी से जुड़े टीएन अग्रवाल ने कहा कि रामलीला कमेटी के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है, जो बारादरी में सुरक्षित है। हम उसे आगरा किला के सामने स्थित श्रीराम हनुमान मंदिर में नहीं रख सकते हैं।

Related Articles