म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करना शुरू कर दिया है। असिस्टेंट एसोसिएशन ऑफ़ पॉलीटिकल प्रिजनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 1 फरवरी से 28 फरवरी तक हुई फायरिंग में करीब 30 आम लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है। वहीं अब तक करीब 1132 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने रविवार को 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है वहीं म्यांमार की एक मीडिया रिपोर्ट भी कहती है कि रविवार को 18 लोगों की जानें गई हैं। म्यांमार की ओर से कोई आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं साझा की गई है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को तीन शहरों में पुलिस ने गोलियां चलाई हैं। रंगून में रविवार को तीन प्रदर्शनकारियों की मौत की सूचना मिली है जो कि पुलिस की गोली लगने से हुई है। वहीं दावोई शहर में और प्रदर्शनकारियों की झड़प में 2 लोगों की मौत की खबर है बाकी 2 लोगों की मौत मांडले में पुलिस की फायरिंग से हुई है। इनके अलावा आंकड़ों के मुताबिक और भी कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। सोशल मीडिया पर म्यांमार की हिंसक तस्वीरें देखने को मिल रही है जिसमें गोलियों के खोखे दिखाई दे रही है और सुरक्षाबलों द्वारा हाथ में बंदूके लेकर स्थानीय नागरिकों को डराया जा रहा है।

अलावा इसके पुलिस कई जगह पर विरोध प्रदर्शन करने वालों को आंसू गैस के गोले दागकर प्रदर्शन खत्म करने का इशारा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में गोलियां चलाई और प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन खत्म करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने के साथ-साथ पानी की बौछारें भी कीं। दक्षिणपूर्वी म्यांमार के छोटे से शहर दावेई में भी सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की।

रविवार को दावोई में हिंसा उस वक्त भड़की जब मेडिकल के छात्र राजधानी की सड़कों पर मार्च निकाल रहे थे। घटना की तस्वीरें और वीडियो में प्रदर्शनकारी भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
फिलहाल राजधानी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है लेकिन यहां भीड़ में स्मोग ग्रेनेड भी फेंका गया।