दिल्ली। कोरोना वायरस का संकट बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन होने पर भी पॉजिटिव मामलों की संख्या लगभग 2,300 से ज्यादा हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस संकट के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश को संबोधित किया। कोरोना से चल रही जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह तीसरा देशहित में संबोधन था।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है। आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता-जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। पांच अप्रैल रविवार को मैं रविवार रात को नौ बजे आप सभी के नौ मिनट चाहता हूं। घर की बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, टॉर्च, दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। उस दिन घर की सभी लाइट बंद करें।
हमें अपने मन से संकल्प लें कि हम अकेले नहीं हैं। कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ मेरे देशवासी इस लड़ाई के लिए दृढ़संकल्प हैं। इस आयोजन में किसी भी को इकट्ठा नहीं होना है। रास्ते, मोहल्ले, गलियों में नहीं जाना है। घर की बालकनी या दरवाजे पर ही प्रकाश करना है। सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। किसी भी हालत में सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।
पांच अप्रैल को रात में अकेले बैठकर मां भारती को याद करिए। ये हमें संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत दे और जीतने का आत्मविश्वास भी। हमारे यहां कहा गया है कि हमारे उत्साह, हमारी स्पिरिट से बढ़कर दुनिया में कोई फोर्स नहीं होता है। दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम इस ताकत से हासिल न कर पाएं।