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बजट 2019 में मजदूरों को भी मिला लाभ लेकिन स्वास्थ्य-सुरक्षा की पूरी नहीं हुई मांग

by pawan sharma

आगरा। मोदी सरकार के केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जैसे ही संसद में 2019 बजट का पिटारा खोला तो वित्त मंत्री से मजदूरों की उम्मीदे बढ़ गयी। वित्त मंत्री ने अपने इस बजट से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और श्रमिकों को भी बिल्कुल निराश नही किया है क्योंकि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर श्रमिक संगठन काफी समय से आंदोलित थे।

कार्यकारी केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के लिए किसान सम्मान योजना शुरु की तो श्रमिकों के लिए पीएम श्रमयोगी मानधन योजना को मंजूरी देकर श्रमिकों को भी लाभ पहुँचाया। इस योजना के तहत 60 साल की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिको को प्रति माह 100 रुपये के योगदान के साथ तीन हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। जिसका लाभ देश के 10 करोड़ श्रमिकों को मिलेगा। इतना ही नही श्रमिक की दुर्घटना मृत्यु पर 2.5 लाख मुआवजे की जगह अब 6 लाख रुपये मिलेगा।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि बजट में वित्त मंत्री ने हमारे संगठन की जो लंबे समय से असंगठित क्षेत्र के मजदूरो को पेंशन देने की मांग चल रही थी उसे शामिल करके श्रमिको को लाभ दिया है उसके लिए धन्यवाद लेकिन संगठन की मांग तीन हजार की जगह पांच हजार है, उसे पूरा करे। इतना ही नहीं इस बजट में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कोई ध्यान नही दिया गया है जो श्रमिकों को निराश करता है।

फिलहाल उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने उम्मीद जताई है कि सरकार स्वास्थ्य और सुरक्षा की मांग पर भी ध्यान देगी।

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