Agra. नवरात्रि पर्व खत्म होने के बाद भक्त हर्षोल्लास के साथ विजयदशमी के पावन पर्व पर माता की प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने हाथी घाट पर प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए कुंड बनाए हैं जिसमें भक्तों को माता की प्रतिमाओं को विसर्जन करना है। प्रशासन की ओर से कुंड बनाकर माता की प्रतिमाओं का विसर्जन कराए जाने पर महामाई मित्र मंडल सेवा समिति के अध्यक्ष व अखिल भारत हिंदू परिषद राष्ट्रीय प्रवक्ता ने विरोध जताया है। उन्होंने प्रशासन की इस कार्यप्रणाली को शव दफनाए जाने के समान बताया है।
प्रतिमाओं को दफना रहा है प्रशासन
महामाई मित्र मंडल सेवा समिति अध्यक्ष व अखिल भारत हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने आगरा प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुंड में प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं बल्कि उन्हें दफनाए जाने के कार्य में जिला प्रशासन जुटा हुआ है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन हिंदू देवी-देवताओं के अपमान करने में भी पीछे नहीं हैं। इसलिए तो हिंदुओं के त्यौहार पर तमाम बंदिशें लगा दी जाती है। हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को कुंड बनवाकर प्रतिमा विसर्जन कराना किसी अपमान से कम नहीं है।
संजय जाट का कहना है कि स्थानीय प्रशासन दुहाई देता है कि देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के विसर्जन से यमुना नदी प्रदूषित हो जाती है जबकि यमुना नदी में मांस-मदिरा के नदी के फेंकने या फिर फैक्टरियों से निकलने वाला दूषित पानी के सीधे नदी में गिरने और शहर के गंदे नाले नदी से जुड़े होने से दूषित होती है। संजय जाट ने सभी भक्तों से माता की प्रतिमाओं को नदी में ही विसर्जन करने की अपील की।
नदी में होगा प्रतिमा का विसर्जन
संजय जाट ने एलान किया है कि स्थानीय प्रशासन लाख बंदिशें लगा ले लेकिन समिति के सदस्य अपनी प्रतिमा का विसर्जन कुंड में नहीं करेंगे बल्कि माता की प्रतिमा को करौली ले जाया जाएगा। जहां काली सील नदी में माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
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