मथुरा। जिला नगरीय विकास अभिकरण(डूडा) में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। संविदा कर्मियों की भर्ती के नाम पर जमकर अवैध वसूली की जा रही है। आरोप है कि 100 रु की रसीद के बदले आवेदकों से 150 रूपए लिए जा रहे हैं साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर और अवैध वसूली की जा रही है। जब इस घटना की पड़ताल की गयी तो मीडिया कैमरा देखते ही वहां काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर भाग निकले।
आपको बता दें एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कर रही है वहीं डूडा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सरकार के आदेशों की पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। बेखौफ होकर कार्यालय में अवैध वसूली कर रहे हैं।
ताजा मामला सिविल लाइन स्थित जिला डूडा विभाग का है जहां शहरी आजीविका के नाम पर संविदा कर्मियों की भर्ती के आवेदन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। उसमे आवेदकों से 150 रु लिए जा रहे है और रसीद 100 रु की दी जा रही है। 50 रु हर आवेदक से अतिरिक्त लिए जा रहे हैं।
जब कंप्यूटर पर बैठे ऑपरेटर से इसकी जानकारी की तो उसने बताया कि हां 50 रु लिए जा रहे हैं। इसका मुझे आदेश मिला है। मेरे संबंधित अधिकारियों ने मुझे 50 रु अतिरिक्त लेने के लिए कहा है। इसकी जानकारी मेरे अधिकारी आपको देंगे। कंप्यूटर ऑपरेटर ने इस विभाग में सिटी मैनेजर के पद पर तैनात मनोज का नाम लिया और बताया कि उन्होंने ही मुझे पैसे लेने के लिए बोला है और वही इसका जवाब आपको देंगे।
जब सिटी मैनेजर मनोज और उसके उच्च अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने नहीं आया और पूरे मामले को दबाने की बात करने लगे।
इससे तो साफ नजर आ रहा है कि एक जिला स्तर के कार्यालय में खुलेआम इस तरह अवैध वसूली का खेल न जाने कब से चल रहा है जबकि सरकार ने सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है लेकिन इस विभाग में ऑफलाइन रसीद काट कर अवैध वसूली की जा रही है।
आलाधिकारियों की मिलीभगत के चलते मथुरा जिले के डूडा विभाग में इस तरह अवैध वसूली की जा रही है। आवेदकों के पूछने पर डूडा विभाग के कर्मचारी उन्हें बताते हैं कि पुलिस वेरिफिकेशन और id कार्ड के यह 50 रु अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। यह 50 रु में कौन सी वेरिफिकेशन कराते हैं और यह 50 रु आखिर जाते कहां है यह किसी को नहीं मालूम।