आगरा। शमशाबाद थाने में बनी हवालात में अलग-अलग मामलों में 14 लोग बंद थे। इन सभी मुजरिमों का मेडिकल कराने के दौरान सभी को कोर्ट में हाजिर कराना था। सभी 14 मुजरिमों को पुलिस अपने साथ गाड़ी में बैठा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमसाबाद ले गए। डॉक्टरों द्वारा सभी मुजरिमों का मेडिकल चेकअप कराया गया। मेडिकल चेकअप होने के बाद 9 मुजरिम कोरोना संक्रमित निकले। नो मुजरिमों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी पुलिस सभी को अपने साथ कोर्ट में पेश कराने ले गए। कोरोना संक्रमित होने के बावजूद अपने साथ अन्य मुजरिमों को एक ही गाड़ी में बैठा कर ले जाना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
शनिवार दोपहर करीब 12:00 बजे थाने में बंद 14 मुजरिमों को पुलिस कोर्ट ले जा रही थी। नियमानुसार मुजरिमों को कोर्ट में पेश करने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। शमसाबाद पुलिस एक प्राइवेट गाड़ी में सभी अभियुक्तों को बिठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमसाबाद पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए लाए थे। सभी मुजरिमों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के दौरान कोरोना जांच भी करी कराई गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुई एंटीजन टेस्ट में नौ मुजरिमों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। बाकी सभी 14 लोगों के RT-PCR सैंपल ले लिए गए। 9 लोग कोरोना पॉजीटिव होने के बावजूद पुलिस सभी को एक साथ उसी गाड़ी में बिठा कर कोर्ट में ले गई। जबकि पुलिस को कोरोना संक्रमित मुजरिमों को अलग बाहर से ले जाना था।
शमशाबाद थाना पुलिस की इस लापरवाही से न केवल बाकी मुजरिमों को भी कोरोना हो सकता है बल्कि खुद पुलिस भी संक्रमित हो सकती है। हैरानी की बात है कि कोरोना से स्थिति भयावह होने के बावजूद पुलिस ने बड़ा ही गैरजिम्मेदारना रवैया अपनाया है।