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IAS बन शादी के देख रहा था सपने, सगाई के दिन ही खुल गयी ये पोल

by admin

आगरा। सेवानिवृत अधिकारी की बेटी से सगाई करने आया फर्जी आइएएस की पोल सगाई होने से पहले ही खुल गयी। लड़की के परिजनों को लड़के के फर्जी आईएएस की जानकारी होते ही सेवानिवृत अधिकारी ने तुरंत क्षेत्रीय पुलिस को सूचना दी। फर्जी आईएएस की जानकारी होते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुँच गयी। फर्जी आईएएस के साथ चार लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले आई और आधी रात तक पूछताछ करने के दौरान मंजीत ने फर्जी आईएएस होने की बात कबूल ली। फर्जी आईएएस गैंग को लेकर एएसपी ने प्रेसवार्ता कर इस गैंग की जानकारी दी। पुलिस ने फर्जी आईएएस के साथ उसके साथियों को जेल भेज दिया है।

पुलिस ने बताया कि फर्जी आइएएस अधिकारी ने मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपने आप को फर्जी आईएएस बताया और उसके लिए गाडी पर पॉन्डिचेरी राजयपाल के ओसडी की नंबर प्लेट तक लगा ली और मेट्रिमोनियल साईट पर सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी की बेटी का प्रोफाइल देख उसे जाल में फंसा लिया।

न्यू आगरा क्षेत्र निवासी शिक्षा विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने अपनी डॉक्ट्रेट बेटी के लिए लड़का तलाश करने को उसकी प्रोफाइल मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर डाली थी। एक महीने पहले गाजीपुर के थाना करंडा के रहने वाले डा. मंजीत राज ने लडकी के परिजनों से संपर्क किया। मंजीत ने खुद को आइएएस अफसर बताया। वर्तमान में अपनी पोस्टिंग पाडिचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर के ओएसडी के पद पर बताई। सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी और उनकी बेटी ने मंजीत राज का फेसबुक प्रोफाइल चेक किया और उसके परिजनों से बात करने पर मंजीत के आईएएस होने की बात कही जिससे लड़की के परिजनों को मंजीत पर पूरा विश्वास हो गया। जिसके बाद सेवानिवृत अधिकारी ने रिश्ता पक्का कर लड़के का रोक भी कर दिया

एक सप्ताह पहले मंजीत राज से उसकी पूर्व की पोस्टिंग और साथी आइएएस अफसरों के बारे में लड़की के परिजनों ने बातचीत की तो वह टालमटोल करने लगा। इससे परिजनों को उस पर शक हो गया। उन्होंने पांच दिन पहले इसकी शिकायत पुलिस अधिकारी से की तो अधिकारी ने इसकी जांच करने के निर्देश दिए।

रविवार रात को फर्जी आइएएस डा. मंजीत राज परिवार और दोस्तों को लेकर सगाई करने लड़की के घर पहुंचा। लड़की के परिजनों ने उससे ट्रेनिंग और पोस्टिंग तथा बैचमेट्स अफसरों के बारे में पूछना शुरू कर दिया। जिसमें फर्जी आईएएस अफसर फंस गया। परिजनों ने पुलिस को मौके पर बुलाकर फर्जी आइएएस अफसर डा. मंजीत राज और उसके साथ आये लोगों को सौंप दिया।

थाने पहुंचने के बाद भी वह कई घंटे तक पुलिस को अपने विभिन्न राजनीतिक और आइएएस लॉबी से संबंध बताते हुए गुमराह करने का प्रयास करता रहा। पुलिस के सख्ती दिखाने पर आधी रात के बाद मंजीत ने सच कबूल किया कि वह बीएससी है। दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी को आया था। मेन्स की परीक्षा भी दी लेकिन सफल नहीं हुआ। इसके बाद उसने फर्जी आइएएस अफसर बनकर शादी करके करोड़पति बनने की योजना बनाई।

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