आगरा जनपद के जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत गांव गढ़ी रमपुरा के पास अचानक रात के समय चंबल नहर की पटरी फूटने से किसानों के खेतों में पानी भर गया और बोई हुई सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो कर बर्बाद हो गई। पीड़ित किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
आपको बता दें पिनाहट कस्बा क्षेत्र से निकलकर इटावा तक पहुंची चंबल डाल नहर परियोजना से पिनाहट ,बाह, जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों की हजारों हेक्टेयर खेती की सिंचाई होती है। गेहूं, आलू, सरसों आदि फसलों की बुवाई का समय आने पर किसानों ने चंबल नहर को चालू कराने की मांग उठाई थी। नहर और माइनर और की सफाई होने के बाद बीते महीनों से बंद पड़ी चंबल डाल नहर परियोजना के तहत 5 दिन पूर्व चंबल नहर को किसानों की सिंचाई हेतु चालू किया गया था जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे थे। मगर शनिवार की देर रात को जैतपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव गढ़ी रमपुरा के पास अचानक चंबल नहर की पटरी टूटकर फूट गई। नहर का पानी भरभरा कर किसानों के खेतों में जाने लगा। रविवार सुबह तक किसानों की सैकड़ों बीघा बोई हुई आलू,सरसों, गेहूं जौ की फसल जलमग्न हो गई।
किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो कर बर्बाद हो गई है। चारों तरफ खेतों में पानी ही पानी नहर का दिखाई देने लगा। तत्काल एकत्रित ग्रामीणों ने नहर फूटने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम एवं उपजिलाधिकारी बाह को दी। तत्काल उपजिलाधिकारी बाह रतन सिंह ने नहर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मामले से अवगत कराया। तत्काल नहर को बंद किया गया। तब कहीं जाकर नहर का पानी कम हुआ।

उपजिलाधिकारी बाह रतन सिंह स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और मामले का जायजा लिया। मिट्टी बालू की बोरियां लगाकर फूटी नहर को ठीक कराने का कार्य प्रारंभ किया गया। ग्रामीणों की मदद से फूटी नहर ठीक की जा रही है। वहीं ग्रामीण किसानों ने उप जिलाधिकारी से फसल जलमग्न होने की समस्या से अवगत कराया और शासन प्रशासन से फसल बर्बाद होने पर मुआवजे की मांग की गई।
ग्रामीणों के मुताबिक नहर फूटने की सूचना के बावजूद भी नहर विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा जिस पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चंबल नहर की सफाई ठीक से नहीं होने के कारण नहर की पटरी फूट गई और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
रिपोर्ट – नीरज परिहार तहसील बाह आगरा