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ताजमहल टिकट काउंटर पर अजगर निकलने से मचा हडकंप, वाइल्डलाइफ एसओएस ने किया रेस्क्यू

by admin
Hugecomp caused by python coming out at Taj Mahal ticket counter, Wildlife SOS rescues

ताजमहल के पश्चिमी गेट के टिकट काउंटर पर पाँच फुट लंबा अजगर दिखने से वहां मौजूद पुलिसकर्मी और पर्यटक भयभीत हो उठे। सूचना मिलने पर पहुची वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने अजगर को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। अजगर को कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया।

मंगलवार की सुबह ताजमहल परिसर में एक अप्रत्याशित घटना देखने को मिली। ऐतिहासिक स्मारक के पश्चिमी गेट पर तैनात टूरिज्म पुलिस के अधिकारियों ने टिकट काउंटर के समीप 5 फुट लंबा इंडियन रॉक पायथन (अजगर) पाया। तुरंत कार्रवाई करते हुए, उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस को उनके हेल्पलाइन नंबर (+ 91-9917109666) पर घटना की जानकारी दी। रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ दो सदस्यीय टीम तुरंत स्थान पर पहुंची। यह सुनिश्चित करने के बाद कि वहाँ मौजूद पुलिस कर्मचारी और पर्यटक अजगर से सुरक्षित दूरी पर हैं, रेस्क्यू टीम ने अजगर को सुरक्षित रूप से पकड़ कर स्नेक बैग में स्थानांतरित कर दिया, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।

वाइल्डलाइफ एसओएस को सूचना देने वाले पर्यटन पुलिस कांस्टेबल, विद्याभूषण सिंह ने बताया, “पर्यटकों द्वारा टिकट काउंटर की खिड़की के पास अजगर को देखा गया था। चूंकि, वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने पहले भी ताजमहल परिसर से ऐसे बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, इसलिए हमने उन्हें इसकी सूचना दी और उनकी टीम ने वक़्त रहते सांप को रेस्क्यू किया।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हम ताजमहल में कार्यरत पर्यटन पुलिस के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करते हुए इसकी जानकारी हमारे हेल्पलाइन नंबर पर दी। सांपों से जुड़े बचाव अभियान बेहद संवेदनशील होते हैं। हमारे रेस्क्यूअर प्रशिक्षित है, जो कि कुशलपूर्वक और सावधानी बरतते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देते हैं।”

इंडियन रॉक पायथन (अजगर) एक गैर विषैली सांप की प्रजाति है। वे मुख्य रूप से छोटे जानवर, चमगादड़, पक्षियों, छछूंदर, हिरण और जंगली सूअर को अपना आहार बनाते हैं। यह आमतौर पर भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के जंगलों में पाए जाते हैं। इस प्रजाति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत संरक्षित किया गया है। कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड स्पीशीज (CITES) के परिशिष्ट के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

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