केरल के मुख्य सचिव ने सबरीमाला मंदिर को लेकर दिए गए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने मंदिर में दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाकर 5 हजार करने का फैसला दिया था, जिसके विरोध में मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
दरअसल कोरोना काल के चलते हर दिन केवल 250 लोगों को ही सबरीमाला मंदिर जाने की अनुमति दी गई थी और अन्य प्रावधानों के मुताबिक दर्शन करने के लिए जाने वालों को फिटनेस सर्टिफिकेट ले जाना जरूरी है। इसके अलावा मंदिर में सिर्फ 10 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। इसके साथ ही पम्बा नदी में स्नान और मंदिर परिसर में रात में रुकना भी प्रतिबंधित है।
केरल के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जमीनी हकीकतों का ध्यान रखे बिना दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ाने का आदेश दे दिया है जबकि सबरीमाला मंदिर में मुस्तैद 250 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं ब्रिटेन में नया कोरोना स्ट्रेन मिलने के बाद मुश्किलात और बढ़ते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने पर कोरोना संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।