आगरा। कोरोना की दूसरी लहर ने आगरा में खूब कोहराम मचाया। महामारी के आगे सारे संसाधन बौने साबित होने लगे। कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद संक्रमण के मामले थमे। शासन के प्रयासों से अब हालात काबू में आते दिख रहे हैं। इसी बीच, डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर की चेतावनी जारी करते हुए इसे बच्चों के लिए घातक बताया है। नतीजन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन आगरा जिले में तीसरी लहर से निपट पाना प्रशासन के लिए चुनौती भरा काम होगा। वजह यह कि जिले में वेंटिलेटर संचालन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती न होने से यहां इनका संचालन नहीं हो सका। डीएम और सीएमओ ने शासन से विशेषज्ञ की मांग भी की, मगर अभी तक कोई विशेषज्ञ नहीं मिला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है। तीसरी लहर की आहट ने ताजनगरी के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अपने बच्चों को लेकर लोग डरे हुए हैं। हालांकि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत की जा रही हैं। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। तीसरी लहर से निपटने के लिए सीएमओ कार्यालय पूरी मुस्तैदी के साथ जुट गया है। मगर सबसे बड़ी समस्या बाल रोग विशेषज्ञों (पीडियाट्रीशियन) को लेकर है।
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय के अनुसार, जिले में बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड बनाया जा रहा है। जिले में कई बाल रोग विशेषज्ञों की जरूरत है। दीगर है कि डीएम और सीएमओ द्वारा बार-बार इस बारे में शासन को स्मरण पत्र भेजे जाने के बाद बाल रोग चिकित्सकों की तैनाती के लिए रिक्तियां भी निकाली गईं, लेकिन विशेषज्ञ मिल नहीं सके हैं।