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होरी हो ब्रजराज दुलारे….श्रीप्रेमनिधि मंदिर के फाग उत्सव में उड़ा गुलाल, भक्त बने हुरियारे

by pawan sharma

• प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्रीप्रेमनिधि मंदिर के फागोत्सव में गूंजा हवेली संगीत, सदानंद भट्ट ने दिए स्वर
• प्रसिद्ध कवियत्री डॉ रुचि चतुर्वेदी ने मीरा बन सुनाईं भक्तिमय रचनाएं, अबीर रंग से सराबोर हुए सब

आगरा। बहुत दिनन से तुम मनमोहन फाग ही फाग पुकारे, आज देख लेओ शैल फाग की पिचकारिन के फुहारे, उड़े कुमकुमा न्यारे। होरी हो ब्रजराज दुलारे…जैसे होली के पदों की गूंज, पखावज की थाप और हवेली संगीत की मधुरता के साथ जब उड़ा अबीर गुलाल तो भक्त नंदगांव के हुरियारे बन होरी हो ब्रजराज के जयघोष लगा उठे।

कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्रीप्रेमनिधि जी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से फागोत्सव का शुभारंभ हुआ। ठाकुर श्याम बिहारी जी के साथ श्रद्धालुओं ने जमकर होली खेली।
मुख्य सेवायत पंडित हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि संसार का सबसे अधिक दिनों तक मनाये जाने वाला त्योहार ब्रज का रंगोत्सव यानी होली है। बसंत पंचमी से आरंभ होकर होली के पश्चात पंचमी तक ब्रज में मनाया जाता है।

मंदिर प्रशासक दिनेश पचैरी ने बताया कि फाग के आनंदोत्सव में ठाकुर जी के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से स्वयं को सराबोर कर देना ही होली है। तभी तो कहते हैं सब जब होली ब्रज में होरा। सेवायत सुनीत गोस्वामी ने ठाकुर श्री श्याम बिहारी जी का फाग विशेष श्रंगार कर गुलाल अर्पित किया और उसी गुलाल को भक्तों में प्रसाद रूप में उड़ाया। गुलाल की बयार छाते ही मंदिर परिसर श्रीवृंदावन धाम की भांति हो गया। एक ओर धमार और पुष्टिमार्गीय होली के पदों से हवेली संगीत के प्रसिद्ध गायक सदानंद भट्ट जी ने ठाकुर जी को रिझाया तो वहीं कवियत्री डॉ रुचि चतुर्वेदी ने मीरा भाव की रचनाएं ठाकुरजी के श्रीचरणों में अर्पित कीं। दिनेश पचैरी ने मैं तो ना ही ना ही करत पिचकारी जैसे पदों को अपने स्वर दिए।

पहली बार पुष्टिमार्गीय मंदिर में महादेव मंदिरों के महंत निर्मल गिरी महाराज और योगेश पुरी महाराज भी ठाकुर जी की सेवा उपस्थित हुए। सेवायत सुनीत गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में अब से होली के पश्चात पंचमी तक फाग के धमार होंगे।

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