Agra. आगरा में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन की हालत खस्ता दिखाई दे रही है क्योंकि सरकारी बसों को हमेशा घाटा ही कागजों में दिखाया जाता है लेकिन कभी किसी अधिकारी ने यह जानने का प्रयास नहीं किया कि आखिरकार सरकारी बसों में सवारी क्यों बैठना पसंद नहीं करती। आगरा से बाह इटावा मार्ग पर डग्गामार बसों का तांडव बना हुआ है जिसमें सरकारी बसों को केवल खानापूर्ति के लिए चलाया जा रहा है। वहीँ डग्गामार बस सवारियों को भरकर आगरा इटावा बस रूट पर फर्राटे भर रही हैं। प्राइवेट डग्गामार बसों के पास ना ही कोई सही रखरखाव ना ही कोई उच्चतम सुविधा दिखाई देती है।
उत्तर प्रदेश सड़क राज्य परिवहन निगम के आगरा बाह सरकारी बस स्टैंड की अगर बात की जाए तो सरकारी बसों की संख्या कम नहीं है लेकिन डग्गामार वाहनों यानी प्राइवेट बसों और ईको ओमनी वैन का बोलबाला नज़र आता है। बस स्टैंड पर डग्गामार वाहन चालकों को किसी भी सरकारी और अधिकारी और पुलिस का कोई भी डर नहीं है बल्कि बेखौफ तरीके से डग्गामार वाहन चालक बीच सड़क गाड़ी खड़ी कर आसानी से सवारियों को बैठा कर तेज रफ्तार में फर्राटे भरते हैं।

सरकारी बसों की स्थिति की बात की जाए तो इक्का-दुक्का सवार ही सरकारी बस में आगरा रूट पर करीब 70 किलोमीटर तक सफर तय करती हैं जबकि डग्गामार वाहनों में मानकों से भी ज्यादा भीड़ नजर आती है। कारण डग्गामार वाहनों के कॉकस के संचालक इतने दबंग है कि सरकारी रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर उनके आगे नतमस्तक दिखाई देते हैं। वहीं अधिकारियों की लापरवाही इतनी हैं कि बस स्टैंड के सामने डग्गामार बस चलाने वाले संचालक बस स्टैंड के आगे अधिकारियों की नाक के नीचे गाड़ी खड़ी करके सवारियों को भरते हैं।
सरकारी बस में सफर करने वाले यात्री ने बताया कि पिछले 1 घंटे से वह इस बस में बैठा हुआ है। ड्राइवर और कंडक्टर लगातार दबाव बनाकर डग्गामार बसों में सफर करने के लिए कह रहे हैं। घंटों से खड़ी बस में वह परेशान हो रहा है। जाहिर है कि सरकारी बसों के ड्राइवर और अधिकारियों की लापरवाही के चलते डग्गामार वाहनों का संचालन बखूबी आगरा-बाह रोड़ पर किया जा रहा है।