आगरा। दीपोत्सव के बाद हर घर में लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति स्थापित हो गई हैं। ऐसे में पुराने लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की बेक्रदी न हो इसके लिए ब्राह्मण परिषद ने ‘यूं फेंके नहीं, हमें दें पुरानी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति’ की मुहिम शुरू की। मुहिम के तहत आगरा में 101 स्थान पर लोगों ने अपने-अपने घरों की पुराने लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखीं। जहां से ब्राह्मण परिषद ने मूर्तियों उठाईं और आज सोमवार शाम विधि विधान से पूजन और मंत्रोच्चार के बाद लक्ष्मी-गणेश समेत अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों को हाथी घाट पर गंगा और यमुना जल के कुंड में विदाई दी।
ब्राह्मण परिषद ने अपील की है कि, देवी देवताओं की मूर्ति का अपमान न करें। जैसे नई मूर्ति का घर में स्वागत और स्थापना की जाती है। वैसे ही देवी देवताओं की पुरानी मूर्तियों की विदाई करनी चाहिए।

ब्राह्मण परिषद के कार्यक्रम संयोजक सुनील दुबे ने बताया कि, दीपावली के बाद जब हम शहर में निकलते हैं तो देखते हैं कि जहां तहां लक्ष्मी-गणेश और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां पड़ी हुई मिलती हैं। कई ऐसी जगह भी थी जहां पर गंदगी थी, वहां भी मूर्तियां पड़ी हुई थीं। इससे मन व्यथित हुआ। इसको लेकर ब्राह्मण परिषद में बात रखी। उन्होंने मेरी बात को माना और परिषद में एक प्रस्ताव पास हुआ। इस पर पूरी रणनीति बनी कि हम कैसे दीपावली के बाद लक्ष्मी गणेश और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को जमा करना हैं फिर उनकी विधि विधान से विदाई करें जिससे देवी देवताओं की मूर्तियों की बेक्रदी न हो।

इस साल ब्राह्मण परिषद ने मुहिम के तहत तीन नवंबर-2021 को पुरानी लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों के कलेक्शन के लिए शहर के 101 स्थान निर्धारित किए। जहां पर लोगों ने पुराने लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां रख दीं। शहर से हमें कई हजारों की से संख्या में मूर्तियां मिली हैं जिन्हें वाहनों से हाथी घाट पर लाए। इस दौरान रास्ते में सड़क किनारे या कहीं भी हमें देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली तो उन्हें भी उठा कर के हम यहां लेकर आए हैं।
ब्राह्मण परिषद की इस पहल की सराहना भी खूब लोग कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि लोग जागरूक हों जिससे देवी देवताओं की मूर्तियों की विधि विधान से विदाई हो सके।
आचार्य सुनील कृष्ण पाठक ने बताया कि शहर भर से जो पुराने देवी-देवताओं की मूर्तियां जमा हुई थी, उन्हें मंत्रोचार के बीच विधि विधान से कुंड में विदाई दी गई है। हमारे आचार्यों ने मंत्रोचार से पहले सभी मूर्तियों का पूजन किया।
इस मौके पर प्रांत के संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ, प्रमोद गुप्ता, उमा पाठक, गिरीश शर्मा, सुनील दत्त शर्मा, संजय कप्तान, सुधीर राठौर, मयंक दुबे, ऋषि दुबे, राज बहादुर उपाध्याय, सपन दुबे, अशोक लोधी, भोला पंडित, सनी उपाध्याय, बबलू चौहान आदि मौजूद रहे।