आगरा। यमुनापार में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की वजह से जाने कितनी ही बार मरीजों की जान जा चुकी है। उसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कोरी कार्रवाई करते हुए नजर आ रहा है। आपको बता दें कि 14 अगस्त को पीड़ित नरेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी जो की गर्भवती थी, उसको ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित कबीर देव हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर के गलत इलाज करने की वजह से उनका बच्चा जच्चा के पेट में ही मर गया, लेकिन डॉक्टरों ने परिजनों से इस बात का कतई जिक्र नहीं किया और गर्भवती के पेट में मृत बच्चे के साथ ही उसे हॉस्पिटल से यह कहकर निकाल दिया अब तुम्हारी पत्नी का कोई भी हॉस्पिटल इलाज नहीं कर सकता।
पीड़ित अपनी पत्नी को लेकर एसएन हॉस्पिटल गए। जहां पर भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया, जिसके बाद पीड़ित ने अपनी पत्नी को ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित गंगा राम हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
जैसा कि आपको पता होगा कुछ समय पहले एक गर्भवती के बच्चे की गंगा राम हॉस्पिटल में मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल पर किसी भी मरीज को भर्ती करने एवं उसका इलाज करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन फिर भी गंगा राम हॉस्पिटल संचालक ने नरेंद्र कुमार की पत्नी को भर्ती कर लिया और उसका ऑपरेशन करके बच्चे को बाहर निकाल दिया। पीड़ित ने बताया कि अब उसकी पत्नी गंगाराम हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती है।
आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग के मरीज भर्ती की रोक लगाने के बावजूद गंगाराम हॉस्पिटल मरीजों को भर्ती और उनका इलाज कर रहा है, इससे साफ दिखाई पड़ता है कि स्वास्थ्य विभाग अपनी आंख बंद करें बैठा है और फिर से किसी की मौत का इंतजार कर रहा है।