आगरा। ट्रांसपोर्ट के लिए ऑनलाइन, प्लेटफॉर्म सर्विस, ट्रकभाड़ा, मालभाड़ा, मूवर्स पैकर्स, ओएलएक्स, just dial जैसी कंपनियों का इस्तेमाल कर सबसे सस्ते ऑफर का लालच देकर भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में ट्रांसपोर्ट ग्राहकों के साथ करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले अपराधियों को साइबर सेल और जैतपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शिकायतकर्ता रघुवीर सिंह यादव ने एसएसपी आगरा को शिकायत की थी कि असम से कोयला मंगाने के लिए गूगल पर ट्रांसपोर्ट सर्च किया गया। जिस पर संपर्क किया गया। काफी सस्ते रेट पर ट्रक उपलब्ध कराने की बात की गई और झांसे में लेकर करीब एक लाख ग्यारह हजार ठग लिए गए। साइबर सेल और जैतपुर पुलिस की गिरफ्त में आए ये लोग बड़े किस्म के अपराधी हैं।
पकड़े गए अपराधियों की अगर बात करें तो जैतपुर का रहने वाला आदेश, एत्माद्दौला का रहने वाला ऋषभ, पिनाहट का रहने वाला प्रेम सिंह, जयपुर का रहने वाला हरेंद्र, मथुरा का रहने वाला मुनेंद्र, कासगंज का रहने वाला सचिन सोलंकी, एत्माद्दौला का दुर्गेश कुमार, बाह का गौरव कुमार और ताजगंज का दिलीप कुमार हत्थे चढ़ा है।
पुलिस पूछताछ में कई अहम खुलासे भी सामने आए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि पकड़े गए गैंग के अपराधियों के मुख्य तीन सरगना ऋषभ, आदेश और प्रेम सिंह उर्फ नंदी है। बाकी पांच सहयोगी और एक दिलीप जो पूरे गेम को एक्टिवेट सिम प्रतिदिन करीब एक हजार रुपये में उपलब्ध कराता है। दिलीप मोबाइल की सिम एक दुकान कलाल खेरिया फतेहाबाद रोड पर चलाता है। बैंक के सदस्य भारतवर्ष में जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में ठगी का व्यापार करते हैं।
पुलिस टीम ने इन आरोपियों से 19 मोबाइल, 28 सिम कार्ड, 15 एटीएम, तीन फर्जी ट्रांसपोर्टर लेटर हैड, लेखा-जोखा रजिस्टर भी बरामद किया है। पुलिस टीम का दावा है कि इस गैंग के सदस्यों के जेल जाने के बाद व्यापारियों से ठगी के मामलों में कमी आएगी।
पुलिस के अनुसार गिरोह के सरगनाओं ने श्री लॉजिस्टिक्स, एटीसी लॉजिस्टिक्स, वेस्ट बालाजी पैकर्स और मूवर्स, छाया पैकर्स और मूवर्स, साक्षी ट्रैवल सर्विसेज, आरसीआई ट्रांसपोर्ट सर्विसिस, ठाकुर रोड लाइन आदि के नाम से ओएलएक्स ट्रक और जस्ट डायल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करावा लिया था। इस पूरे काले कारनामों को अंजाम देने के लिए यह नकली सिम का इस्तेमाल करते थे। इस शातिर गिरोह को फर्जी सिम कलाल खेरिया निवासी दिलीप उपलब्ध कराता था
इन फर्जी सिमो के माध्यम से शातिर गिरोह के सदस्य ऑनलाइन ट्रांसपोर्टर्स और ग्राहकों की ऑनलाइन इंक्वायरी आने पर उन्हें अपने झांसे में फंसा लेते थे और उनसे अपने खाते में पैसा जमा करवा कर धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। इस काम के लिए इस गिरोह ने अलग अलग बैंक जैसे यूनियन बैंक,केनरा बैंक, फिनो बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक,औरैया व इटावा के साथ अन्य जगह के बैंकों के खाते इस्तेमाल होते थे। यह गैंग एक बार में एक ग्राहक व ट्रांसपोर्टर को अपना निशाना बनाते थे और धोखाधड़ी करने के बाद उस सिम को तोड़ कर फेंक दिया करते थे जिससे ट्रांसपोर्टर्स व ग्राहक उनसे कोई संपर्क न कर सके।
पुलिस के अनुसार सिम विक्रेता दिलीप अब तक इस गिरोह को 700 सिम उपलब्ध करा चुका है और प्रत्येक के लिए उसने हजार रुपए लिए हैं। इतना ही नही इस गिरोह ने फर्जी सिम के माध्यम से चंदौली के ट्रांसपोर्ट संकटमोचन रोड लाइंस के मालिक श्री राम जीत सिंह से 4 लाख, महाराष्ट्र के ट्रक ड्राइवर सोमनाथ मुंडे से 20 हजार, भोपाल के ट्रांसपोर्टर आसिफ से 55000, भोपाल के ही दूसरे ट्रांसपोर्टर मनु शर्मा से 20 हजार, उड़ीसा के ट्रांसपोर्टर लॉजिस्टिक्स के मालिक से 40 हजार, मुंबई की लैंडमार्क इंडस्ट्रीज से एक लाख 6 हजार रुपए, की ठगी की है। इस ग्रुप के अभी तक 40 खातों का पता चल पाया है जिनमें से अधिकतर बैंक खाते बंद कर दिए गए हैं और 7 खातों में लेनदेन किया जा रहा है सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया है