आगरा। इनररिंग रोड के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों पर हुए लाठीचार्ज में घायल हुए किसान ने दम तोड़ दिया। पीड़ित किसान की मृत्यु से किसानों में आक्रोश व्याप्त है और गुरुवार सुबह गमहीन माहौल में मृतक किसान श्रीचंद का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक किसान श्रीचंद को उसके पुत्र द्वारा मुखाग्नि दी गयी। इस दौरान किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता, ग्रामीण और परिवारीजन मौजूद रहे।
आपको बताते चले कि पिछले तीन साल से ग्रामीण उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। पिछले साल 11 अक्टूबर 2018 को पुलिस द्वारा जमीन खाली कराये जाने को लेकर लाठीचार्ज किया जिसमें पीड़ित किसान श्री चंद के पैर में लाठी लगने से घायल हो गए थे और उनके पैर में गैंगरीन हो गया था। प्रशासन द्वारा इलाज को दो बार लखनऊ भेजा गया लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही के चलते पीड़ित किसान का इलाज नही हो सका। इससे हताश होकर पीड़ित किसान बिना इलाज कराए वापिस आ गया। बुधवार दोपहर गैंगरीन से पीड़ित किसान की दर्दनाक मौत हो गयी।
इस घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम सदर गरिमा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अरुण यादव और सीओ सदर विकास जयसवाल, थाना ताजगंज इंसपेक्टर अनुज कुमार फ़ोर्स के साथ गांव पहुँच गए। मौके पर पहुचे प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया और किसान नेताओं से बातचीत के बाद शव को पोस्टमार्टम भिजवाया गया। देर रात प्रशासन में मृतक किसान का पोस्टमार्टम करवाया और आज सुबह मृतक के परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया।
मौके पर मौजूद किसानों में रोष को देखते हुए किसान नेताओं ने किसानों को काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें शांत कराया। किसानों में आक्रोश था कि लाठीचार्ज में घायल होने के बावजूद प्रशासन ने उनका उचित इलाज नहीं कराया जिसके कारण उनकी मौत हो गयी। आक्रोशित किसानों का कहना था कि श्रीचंद शहीद हुआ है। उसने अपने हक के लिए लड़ाई लड़ी और इस लड़ाई को जारी रखा जाएगा।
अंतिम संस्कार में किसान नेता श्याम सिंह चाहर, सोमवीर यादव, मुकेश पाठक, रणवीर सिंह तोमर, पूर्व प्रधान बनवारीलाल तोमर सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।