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रिश्वत लेने के 4 साल बाद बर्खास्त हुई महिला दरोगा, 20 हजार लेते पकड़ी गयी थी रंगे हाथ

by admin
Female Inspector dismissed after 4 years of taking bribe, was caught red handed taking 20 thousand

इटावा। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला दरोगा को रिश्वत लेने के 4 साल बाद बर्खास्त किया गया है। 20 हजार के लालच में उसने अपनी नौकरी गंवा दी। महिला दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज था, जिसकी विभागीय जांच चल रही थी। एसएसपी इटावा जयप्रकाश सिंह ने महिला दरोगा को बर्खास्त करने की पुष्टि की है।

महिला दरोगा गीता यादव 2 साल से सैफई में तैनात थी। इटावा के एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि दरोगा गीता यादव के खिलाफ वाराणसी जिले के शिवपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में उसे जेल भेजा गया था और विभागीय जांच शुरू हो गई थी। जमानत पर गीता यादव जेल से छुट्टी थी और तैनाती दोबारा विभाग में हो गई थी। अब 4 साल बाद अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध दोनों में महिला दरोगा को दोषी पाया गया है और उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है।

दहेज एक्ट से नाम हटाने को लिए थे पैसे

कैंट रेलवे स्टेशन पर टीटीई पद पर कार्यरत वाराणसी जिले के शिवपुर क्षेत्र के भरलाई निवासी अभिषेक पाठक की पत्नी पूजा ने उन पर, बहन व मां के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा 27 जून, 2017 को दर्ज कराया था। मामले की जांच दरोगा गीता यादव कर रही थीं। अभिषेक ने विवाहिता बहन का नाम मुकदमे से हटाने की गुहार लगाई थी, जिसके बात महिला दरोगा ने रिश्वत मांगी थी।

80 हजार में तय हुआ था मामला

महिला दरोगा ने नाम हटाने के लिए 1 लाख रुपए मांगे थे। मामला 80 हजार रुपये में तय हुआ। अभिषेक ने 30 हजार रुपये दे भी दिए। इसके बाद गीता बाकी रुपये देने का दबाव अभिषेक पर बनाने लगी। अभिषेक पाठक ने 18 नवंबर, 2017 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की। इसके बाद योजना के अनुसार अभिषेक ने अगले ही दिन दरोगा को अपने घर 20 हजार रुपये देने के लिए बुलाया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घूस लेते हुए उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।

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