Agra. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में एक बार फिर किसान संगठनों ने हुंकार भर ली है। किसान संगठनों 18 फरवरी को रेल रोकने का ऐलान किया है। इस ऐलान को लेकर रेलवे ने रेलवे ट्रैक ऊपर सुरक्षा बढ़ाए जाने के निर्देश जारी किए हैं तो वहीं आरपीएफ और जीआरपी ने भी स्टेशनों और रेलवे ट्रैक पर मोर्चा संभाल लिया है जिससे किसान रेलवे ट्रैक तक नहीं पहुंच पाए। वहीं आगरा रेल मंडल में आंदोलन को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी है। जीआरपी और आरपीएफ कि अधिकारी लगातार स्टेशनों के साथ-साथ रेलवे ट्रैक की सुरक्षा का भी जायजा ले रहे हैं।
कृषि बिलों के विरोध में किसान संगठनों ने 18 फरवरी को देशभर में चार घंटे ट्रेन रोकने का ऐलान किया है। इसको लेकर रेलवे स्टेशनों और रेलवे फाटकों पर सुरक्षा बड़ा दी गयी है। स्टेशनों पर अभी से सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

प्रभारी एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए किसी भी बाहरी व्यक्ति को स्टेशन पर जाने नहीं दिया जाएगा। कंफर्म टिकट वाले यात्री ही स्टेशन पर जाएंगे। 18 फरवरी के लिए सभी जीआरपी थाना प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है। ऐसे स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है, जहां से रेलवे ट्रैक पर जाया जा सकता है। ऐसे सभी स्थानों पर जीआरपी के जवानों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा पीएसी और पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। ट्रेन परिचालन को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।

जीआरपी के साथ आरपीएफ भी मुस्तैद है। स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हर छोटे-बडे़ स्टेशन पर फोर्स लगा दिया गया है। रेल रोको आंदोलन के नाम पर या फिर रेल परिचालन में किसी भी प्रकार की बाधा डालने वालों के खिलाफ रेल अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। कृषि आंदोलन को लेकर बुधवार को ही आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त रूप से व्यवस्थाओं को देखा। आरपीएफ इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह और जीआरपी इंस्पेक्टर संजय कुमार का कहना था कि किसानों के चक्का जाम को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है हर संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है और जीआरपी व आरपीएफ के जवान भी अलर्ट पर हैं जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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