आगरा। कोरोना से जिंदगी की जंग हारे बाह के वन दरोगा राजेश सिंह परिहार और सुरेश सिंह की यादें हमेशा जिंदा रहेंगी। बिजकौली और मई की पौधशाला में स्मृति वाटिका बनाई गई है जहाँ पर दोनों परिवारों के परिजनों ने कोरोना में अपनों को खोने वाले राजेश सिंह परिहार और सुरेश सिंह के नाम से पौधरोपण किया और इन पौधों की देखभाल के भी जिम्मा लिया।
कोरोना काल में अपनों को खोने वाले परिजनों को हमेशा याद रखने के लिए उनकी स्मृति में वन विभाग की ओर से स्मृति वाटिका बनाई गई है जिसमें लोग अपने परिजनों की स्मृति में पौधरोपण कर सकते हैं। वन महोत्सव के दौरान बिजकौली की स्मृति वाटिका में राजेश सिंह परिहार की स्मृति में पौधरोपण कर उनके पिता रसाल सिंह, बेटी संगीता, मनी तथा मई पौधशाला में सुरेश सिंह की पत्नी ममता देवी, बेटी राधा सिंह, बेटा तरुन सिंह की पौधा रोपण करते समय आंखे सजल हो गई। दोनों परिवारों ने पौधों की देखभाल का खुद ही जिम्मा लिया। क्षेत्र के कई परिवारों ने भी अपनों की स्मृति में पौधे रोपे।

एसडीओ फतेहाबाद केएन सुधीर ने बताया कि बिजकौली और मई की पौधशाला को क्रमशः दोनों वन दरोगाओं के नाम से नई पहचान दी गई है। दोनों पौधशालाओं में कोरोना से जान गवाने वाले क्षेत्र के लोगों की याद में स्मृति वाटिका बनाई गई है जहां पर लोग अपनों की याद में पौधारोपण कर उन्हें पौधे के रूप में जीवित रख सकते है।
वन विभाग की इस अच्छी पहल का गवाह बने लोगों ने जमकर इस कार्य की सराहना की है। उनका कहना था कि बरसों पुरानी परंपरा को वन विभाग ने जीवित रखा है पुराने समय में अक्सर अपनों की स्मृति में पौधे लगाए जाते थे और उनकी देखभाल भी की जाती थी जिससे पीड़ित परिवार को अपनों कि खोने का गम ना हो।