आगरा। नौकरी के नाम पर ठगी के आरोप में आगरा न्यू आगरा पुलिस ने फर्जी आइआरएस को गिरफ्तार कर लिया, पकड़े जाने पर वह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर पुलिस पर रौब गांठ रहा था मगर, पूछताछ में राज खुल गया। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हरीपर्वत क्षेत्र के वजीरपुरा निवासी शाहरुख ने पिछले दिनों पुलिस से शिकायत की थी। उसका आरोप था कि मैनपुरी निवासी मितेश यादव पुत्र अक्षय यादव ने राजस्व विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर 27 हजार रुपये लिए थे। नौकरी न लगने पर रुपये वापस मांगे तो वह आनाकानी कर रहा था। कई बार तकादा किया तो उसने खुद को अफसर बताकर रौब गांठना शुरू कर दिया। उसने पुलिस को बताया कि मितेश दयालबाग क्षेत्र में एक मित्र से मिलने अक्सर आता है। रविवार को उसके यहां आने की उसे खबर मिली तो वह न्यू आगरा थाने पहुंच गया।
पुलिस उसे साथ लेकर दयालबाग पहुंची तो मितेश पुलिस पर रौब गांठने लगा। कहने लगा कि वह आइआरएस अधिकारी है। पुलिस अधिकारियों से बात कर निलंबित करा देगा, पुलिस ने उससे आइआरएस अधिकारी होने के प्रमाण मांगे तो उसने वाट्सएप पर अपना फर्जी पहचान पत्र भेज दिया। मीतेश एक स्विफ्ट डिजायर में चलता था जिसमें एक नीली बत्ती मिली है। पुलिस को को उससे बातचीत में शक हो गया। बात करने के बहाने पुलिस उसे थाने ले गई। यहां थोड़ी देर पूछताछ की तो हकीकत सामने आ गई।
जब पुलिस ने मीतेश को हिरासत में लिया तो मीतेश की महिला मित्र अंशुल ने आगरा के एक पुलिस के बरिष्ठ अधिकारी को फोन मिलाया और अपने आप को आईएएस अधिकारी बताया। पुलिस ने महिला मित्र अंशुल को भी गिरफ्तार किया। पुलिस अंशुल को भी 120 बी का मुजरिम बना रही है।
एसपी सिटी प्रशांत कुमार ने बताया कि फर्जी आइआरएस की जानकारी मिली थी जिस पर मितेश को गिरफ्तार किया गया है। मितेश पर फर्जी आइआरएस ओर धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज किये हैं वहीं इसकी महिला मित्र ने भी आईएएस बनकर एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन भी किया था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस अब दोनों के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेजने की तौयारी में जुट गई है।