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प्रत्यक्षदर्शी ने बताई पारस अस्पताल में ऑक्सीजन क्राइसिस की बात, डीएम अपनी पर अड़े

by admin
Eyewitness told about oxygen crisis in Paras Hospital, DM adamant on his

Agra. कोरोना संक्रमण के दौरान पारस अस्पताल में ऑक्सीजन मॉक ड्रिल से कोरोना के 22 मरीजों की हुए मेडिकल मर्डर से जुड़ी वायरल हो रही वीडियो से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। इस घटना से जुड़ी वीडियो के वायरल होने के बाद मंगलवार सुबह ही मृतकों के परिजन भी पारस हॉस्पिटल पहुँच गए जहाँ मृतकों के परिजनों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया तो उस घटना के समय मौजूद लोगों ने अपनी व्यथा भी व्यक्त की जो इस घटना के साक्षी थे और जिन्होंने यह पूरा घटना क्रम देखा।

एक पीड़ित ने बताया कि 26 अप्रैल के दिन उसके मिलने वाले भर्ती थे। अचानक से हॉस्पिटल प्रशासन ने हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने और खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कह दिया। जिससे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों में हड़कंप मच गया। वे भी आगरा के साथ साथ मथुरा ऑक्सीजन लेने के लिए पहुँचे और लौटने पर हॉस्पिटल में देखा कि एक के बाद एक मरीजों के शव बाहर निकल रहे है। उनके सामने लगभग 15-16 शव निकले।

मौत की मॉक ड्रिल में जान गंवाने वाले कोरोना संक्रमित मृतकों के परिजनों का कहना है कि जो गंदा खेल डॉ अरिंजय ने खेला है उसका खुलासा उन्होंने खुद किया है। पीड़ितों का कहना था कि वो तो अपने परिजनों को खोने के पीछे ऑक्सीजन की कमी को मान रहे थे लेकिन अब वीडियो सामने आने के बाद सभी के जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं। मौत के इस खेल में डॉ अरिंजय जैन के कारण किसी ने अपना सुहाग खो दिया तो किसी का इकलौता कमाने वाला चिराग बुझ गया।

एक पीड़ित ने बताया कि इन दिनों ही उन्होंने अपने परिवार के दो लोगों को खो दिया। डॉ अरिंजय जैन ने पिता की मौत के लिए ऑक्सीजन की कमी बताई और इलाज की कमी से उनकी भाभी की भी मौत हो गयी। उस समय तो कुछ भी नहीं पता लगा लेकिन हकीकत अब सामने आ रही है कि किस तरह से इस हॉस्पिटल में जिंदा मरीजों के साथ खेल रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी के बयान में भी विरोधाभास नजर आ रहा है। उनका कहना है कि उस दौरान 26 से लेकर 28 अप्रैल तक पारस अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर कोई क्राइसिस नहीं थी, प्रशासन के द्वारा प्रतिदिन 100 से ऊपर ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे गए थे। इसलिए उनका दावा है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज़ की मौत नहीं हुई। वहीं वायरल वीडियो में जहां खुद डॉक्टर 28 अप्रैल को 22 मरीज की मौत स्वीकार रहे हैं तो वहीं डीएम का कहना है कि उस दिन 3-4 मरीजों की ही मौत हुई थी।

फिलहाल कुछ भी हो लेकिन इन वायरल वीडियो ने सभी को हिलाकर रख दिया है और हर कोई डॉ अरिंजय जैन को सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रहे है।

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