आगरा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के अविश्वास प्रस्ताव मामले को लेकर आमने सामने आये दोनों गुटों में रामशंकर कठेरिया गुट दूसरे गुट पर भारी पड़ गया। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग करने आये जिला पंचायत सदस्यों की संख्या का कोरम पूरा नही हो सका। कोरम के पूरा न होने और जिला पंचायत सदस्यों के हंगामे को देखते हुए पीठासीन अधिकारी बनाये गए सिविल जज शैलेन्द्र कुमार ने बैठक को स्थगित कर दिया। बैठक के न होने के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सका। बैठक के सम्पन न होने की जानकारी तुरंत पीठासीन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने जिला अधिकारी को दी और पूरे घटनाक्रम को लेकर जिला अधिकारी के नाम पत्र भी लिखा।
बताया जाता है कि पिछले काफी समय से राकेश बघेल को जिला पंचायत की कुर्सी से उतारने के लिए दूसरा गुट हावी था। जानकारी के अनुसार इस गुट को आगरा सांसद प्रो0 एसपी सिंह बघेल का समर्थन था तो राकेश बघेल की कुर्सी बचाने के लिए एससी आयोग के चैयरमैन व इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया लगे हुए थे। सांसद रामशंकर कठेरिया के समर्थन से ही राकेश बघेल जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे।
शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय में सदस्यों का कोरम पूरा न होने के कारण पीठासीन अधिकारी ने बैठक स्थगित कर दी और अविश्वास प्रस्ताव नही लाया गया। पीठासीन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने इस संबंध में जिला अधिकारी को पत्र लिखा। इस पत्र के पीठासीन अधिकारी ने लिखा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल के अविश्वास प्रस्ताव की बैठक होनी थी। यह बैठक समय से शुरू हुई और इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश दिए गए लेकिन समय से इस बैठक में सदस्यों का कोरम पूरा नही हुआ और कुछ सदस्य सदन में ही हंगामा गाली गलौच और तोड़फोड़ करने लगे। स्थिति विकराल होने लगी। यह घटना क्रम होने पर जानमाल का खतरा देखते हुए बैठक सुचारू रूप से नही चल सकी और जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की इस बैठक को स्थगित कर दिया गया।
फिलहाल बैठक स्थगित होने से जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल और उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है।