आगरा। 10 से 19 वर्ष के बीच किशोर-किशोरियों के शरीर में होने वाले शारीरिक व मानसिक बदलावों के प्रति जागरूक करने के लिए बुधवार को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस मौके पर किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक और साथिया केंद्र पर किशोर और किशोरियों को जागरूक किया गया। इन केंद्रों पर जन जागरूकता अभियान चलाया गया और किशोर व किशोरियों के शरीर में 10 से 19 वर्ष की आयु के दौरान शरीर में होने वाले सभी प्रकार के बदलावों की जानकारी दी और ऐसे बदलावों को महसूस करने पर न घबराने की सलाह दी।
काउंसलर रूबी बघेल ने बताया कि 10 से 19 वर्ष की अवस्था के दौरान शारीरिक एवं मानसिक बदलाव बहुत तेजी से होते हैं। क्योंकि इस बीच किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं। इस दौरान किशोर किशोरियों की समस्याओं में विभिन्नता के साथ-साथ जोखिम भी अलग-अलग होते हैं। एक विवाहित अथवा अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले, ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर/किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है। इन्हीं उलझनों को सुलझाने के लिए बुधवार को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य दिवस मनाया गया।काउंसलर रुबी बघेला ने बताया कि अप्रैल 2019 से अभी तक 2976 किशोरियों और 2817 किशोरों की काउंसलिंग की जा चुकी है।
आगरा जिला अस्पताल में है किशोर और किशोरी क्लीनिक:-
सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि जिला अस्पताल में किशोर और किशोरी क्लीनिक है जहाँ किशोर और किशोरी अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। प्रशिक्षित काउंसलर उनकी काउंसलिंग करके उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक में अप्रैल 2019 से अब तक 2817 किशोरों की काउंसलिंग की गई है वहीँ किशोरी स्वास्थ्य क्लिनिक में अब तक 2976 किशोरियों की समस्याओं का समाधान किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश वत्स ने अभिभावकों से अपील की है कि किशोरावस्था के दौरान अगर बच्चें किसी तरह की समस्याएं बताते है तो एक अच्छे दोस्त की तरह उनकी समस्याओं को सुने और उन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करे। उनकी समस्याओं को नजरंदाज न करें।
डी.ई.आई.सी मैनेजर रमाकांत ने बताया किशोर स्वास्थ्य क्लीनिकों को अब साथिया केंद्र के नाम से विकसित किया जा रहा है। क्लीनिक पर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य विषयों पर परामर्श की समुचित सेवाएं दी जा रही हैं। इससे उनके जीवन में बड़े बदलाव भी देखने को साफ़ मिल रहे हैं। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात ए.एन.एम. और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर से भी संपर्क कर किशोर स्वास्थ्य से जुड़े हर मुद्दों को आसानी से सुलझाया जा सकता है।