आगरा। पुलिस प्रशासन और उसकी साइबर सेल टीम को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब फर्जी तरीके से लोगो के एटीएम से पैसे और मदरसों के छात्रों के नाम से फर्जी तरीके से छात्रवती लेने वाले एक गिरोह के पांच सदस्यों को एत्माद्दोला पुलिस और सायबर सेल ने पर्दाफास किया और पांच लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगो में दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल है। पुलिस ने इस गिरोह से कंप्यूटर, बायोमेट्रिक स्केनर, 293 सील पैक एटीएम कार्ड, 9 इस्तमाल किये हुए एटीएम कार्ड, 254 एसबीआई कीओस्क कस्टमर कार्ड, 187 एसबीआई पासबुक, तीन चेकबुक और एक क्लोन फिंगर प्रिंट मशीन, बरामद किए है। इस पूरे मामले का खुलासा एस पी क्राइम मनोज कुमार सोनकर ने प्रेसवार्ता के दौरान किया।
एसपी क्राइम का कहना था कि पिछले दिनों इस मामले में एक दिव्यांग बालिका ने एसएसपी अमित पाठक को लिखित शिकायत की थी जिसके बाद से इस पूरे गैंग का खुलासा करने के लिए साइबर सेल और क्षेत्रीय पुलिस को लगाया था। इस पूरे मामले में पाँच लोगो को हिरासत में लिए गया है और दो मामलों का खुलासा हुआ है। पहला लोगो के एटीएम कार्ड बदलकर पैसा निकलना और दूसरा फर्जी तरीके से मदरसे के छात्र दर्शाकर उनके नाम से सरकार से छात्रवृति का पैसा हड़पने का है।
एसपी क्राइम ने बताया कि यह पूरा मामला एसबीआई फॉउंडरी नगर ब्रांच का है। इस शाखा का एसबीआई सीएसपी नितिन मुख्य अपराधी है जो मैनेजर पंकज की सहमति से बैंककर्मी उमाकांत की आईडी का इस्तेमाल कर काफी समय से लेनदेन न होने वाले खातों को की खोज करता और उनके फोन नंबर बदलकर दूसरा एटीएम कार्ड के लिए अप्लाई करता और क्षेत्र के पोस्टमैन राकेश की मदद से उस एडीएम का नंबर जान लेता था फिर उन खातों से फर्जी तरीके से पैसा निकाल लिया जाता था।
इतना ही नही इस शातिर बैंक कर्मी ने क्षेत्र के एक मदरसे के संचालक के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मदरसे के छात्रों के नाम से खाते खोले जिनकी केवाईसी भी नही कराई गई थी और आधार कार्ड भी लिंक नही कराया गया था। शातिर बैंककर्मी नितिन ने इन खातों में सरकार की ओर से आनेवाली सरकारी छात्रवती निकाल ली जिन्हें बाद में बंद कर दिया गया।
एसपी क्राइम ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था। इस फर्जीवाड़े में बैंक मैनेजर, बैंक कर्मचारी, पोस्टमैन और मदरसा के संचालक शामिल थे जिनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर जेल भेजा जा रहा है।