आगरा। कोविड 19 के दौर के जिस तरह से व्यापार व रोजगार की स्थिति बदली है। उसका सबसे ज्यादा असर मजदूर वर्ग पर पड़ा है। ऐसे में केवल श्रमिक पुरुष ही घर का भरण पोषण नहीं कर सकता बल्कि श्रमिक की पत्नी को भी कदम से कदम मिलाकर श्रम करना होगा इसलिए श्रमिक महिलाओं को भी आगे आना होगा, यह कहना था उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की ओर से मण्डी मिर्जा खाँ फतेहपुर सीकरी में भवन एंव अन्य सन्निर्माण क्षेत्र में कार्यरत महिला श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने व उन्हें कौशल विकास से जोड़ने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के आयोजन के दौरान सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन किया गया।
कार्यशाला के दौरान कोविड 19 के कारण बदली रोजगार की स्थिति पर विचार विमर्श किया गया, साथ ही गरीब मजदूर के सामने रोजगार की खड़ी हो रही समस्याओं पर मंथन किया गया। कार्यशाला के दौरान उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि कोविड 19 के कारण रोजगार को लेकर वर्तमान परिस्थितियां बदली है। ऐसे में केवल श्रमिक पुरूष ही अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर सकता बल्कि महिला श्रमिक को भी पति के साथ कदम कदम मिलाकर चलना होगा। इसलिए महिला श्रमिक को भी अब कुशल श्रमिक बनना होगा। महिला श्रमिकों को अपने अंदर नेतृत्व क्षमता को भी बढ़ाना होगा। ट्रेड यूनियन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी जिससे श्रमिक महिलाओं को भी रोजगार मिल सके और वर्तमान परिस्थिति में आर्थिक स्थिति से निपट सके।
तुलाराम शर्मा ने कहा कि कार्यशाला में पत्थर खदान, निर्माण, ईट भट्टा, कृषि, मनरेगा एंव सन्निर्माण क्षेत्र में श्रमिक महिला कार्यरत है लेकिन वो अपने कुशल श्रमिक नहीं है जिससे उन्हें बरामद वेतन व कार्य नहीं मिलता है। इसलिए महिला श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाना, ट्रेड यूनियन में भागीदारी, महिला श्रमिकों में नेतृत्व विकसित करना अति आवश्यक है।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख फतेहपुर सीकरी हुकम सिंह ने कहा कि महिला शाक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण की आवश्यकता हैं। इसके लिए यू.पी.जी.एम.एस व बी.डब्लू.आई को धन्यवाद दिया जिन्होंने महिला श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र की शुरुआत की है।
प्रोग्राम कोडिनेटर राहुल शर्मा ने कहा कि जमीनी स्तर पर महिला श्रमिक तभी संगठित हो सकती हैं जब उनमें नेतृत्व करने की क्षमता विकसित हो और वो अपने हक के लिए लड़ सके। कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, उनके लिए शौचालय की व्यवस्था मिलने पर जोर दिया। श्रमिक महिलाओं की ट्रेड यूनियन में भागीदारी सुनिश्चित हो और महिलाऐं स्वंय सहायता समूह एवं सहकारी समिति के माध्यमों से लघु उधोग चलायें। इसका भी प्रयास किया जाना आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली समस्त महिलाओं श्रमिकों को सेनेटाइजर व मास्क भी वितरण किये गए। प्रशिक्षण कार्यशाला में कमला देवी, गायत्री देवी, कुमारी वर्षा, रेखा, पिंकी जैन, हेमलता गोला, शाकिर खान, उमेश कुमार, प्रेम प्रकाश सविता, हेमलता शर्मा, भावना देवी, गुलाब सिंह आदि मौजूद रहे।