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वैक्सीनेशन में तकनीकी भी आड़े आ रही है। एंड्रॉयड मोबाईल न होने के कारण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था। अधिकांश के पास मोबाईल नहीं था। डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान के छात्रों के सहयोग से लोगों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया। चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) द्वारा जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शिविर लगाकर 80 लोगों का वैक्सीनेशन कराया।
नरेश पारस ने कहा कि झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्तियों के लोगों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराकर ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है। जल्दी ही दोबारा शिविर लगाया जाएगा। वह लगातार झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्तियों के लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का भी सहयोग मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रमाकांत और सहायक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हरेन्द्र कुमार ने वैक्सीनेशन कराया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान के समाज कार्य के छात्र शरद कुमार, ललित धाकड़ व शुभम चौधरी तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री लीला का विशेष सहयोग रहा। नरेश पारस ने सभी का आभार जताया।
ताज के पार्श्व में झुग्गी झोपड़ी वालों ने लगवाया जीत का टीका
कोविड से बचाव के लिए पूरे देशभर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। वैक्सीनेशन को लेकर अभी हाल में भारत ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। लेकिन ताज महल के पार्श्व में मेहताब बाग के पास इंदिरा नगर मारवाड़ी बस्ती में भ्रम और डर के चलते अभी तक किसी ने भी वैक्सीनेशन नहीं कराया। उनका कहना था वैक्सीन लगवाने से वे मर जाएंगे। बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने उनको वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया। चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मारवाड़ी बस्ती की झुग्गी झोपड़ियों में विशेष शिविर लगाकर लोगों का वैक्सीनेशन कराया।
डर के आगे जीत
जब स्वास्थ्य विभाग की टीम झुग्गी झोपड़ी में पहुंची तो अधिकांश लोग वैक्सीनेशन के डर से अपने घरों से गायब हो गए। कुछ आनाकानी करने लगे। सबके सामने यही सवाल था कि पहला टीका कौन लगवाएगा ? नरेश पारस ने लोगों को बताया कि उन्होंने खुद वैक्सीन लगवाई है। उन्हें कुछ नहीं हुआ और अब वैक्सीनमित्र बनकर अन्य लोगों के वैक्सीन लगवा रहे हैं। एक बुजुर्ग महिला ने आगे आकर वैक्सीन लगवाई। सभी उसे देखने लगे। जब उनको कुछ नहीं हुआ तब अन्य लोगों ने वैक्सीन लगवाई।
तकनीकी बनी रोड़ा
वैक्सीनेशन में तकनीकी भी आड़े आ रही है। एंड्रॉयड मोबाईल न होने के कारण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था। अधिकांश के पास मोबाईल नहीं था। डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान के छात्रों के सहयोग से लोगों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया। चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) द्वारा जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शिविर लगाकर 80 लोगों का वैक्सीनेशन कराया।
सभी को लगे वेक्सीन, तभी होगी जीत
नरेश पारस ने कहा कि झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्तियों के लोगों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराकर ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है। जल्दी ही दोबारा शिविर लगाया जाएगा। वह लगातार झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्तियों के लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का भी सहयोग मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रमाकांत और सहायक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हरेन्द्र कुमार ने वैक्सीनेशन कराया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान के समाज कार्य के छात्र शरद कुमार, ललित धाकड़ व शुभम चौधरी तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री लीला का विशेष सहयोग रहा। नरेश पारस ने सभी का आभार जताया।