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Corona Alert : टीबी रोगियों पर बुरा असर डाल सकता है कोरोना, रखें ख़ास ख़्याल

by admin

आगरा। टीबी के मरीजों को इस समय कोरोना के संक्रमण से बचाव करने की अधिक जरूरत है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने गोद लिये गये टीबी ग्रसित बच्चों को हिदायत देते हुए कहा कि टीबी के रोगियों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, घर से बाहर निकलते समय मुंह को ढककर रखें। बेवजह कहीं भी न थूकें। इन सभी सावधानियों से टीबी के मरीजों को कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बचाया जा सकता है। किसी भी प्रकार की समस्या पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और डॉक्टर व विशेषज्ञ की सलाह लें।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है और कोरोना का वायरस सांस के माध्यम से सबसे पहले फेफड़े को ही प्रभावित करता है। क्षय रोग सबसे कॉमन फेफड़ों में देखा जाता है जो कि हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलता है और कोरोना का वायरस भी इसी तरह से संचारित होता है। फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में भी टीबी हो सकती है। टीबी रोग के कारण मरीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और कोविड-19 वायरस का प्रभाव सबसे पहले इन पर ही होता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ यू.बी. सिंह ने बताया कि जिले का क्षय रोग विभाग सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर की सर्विलांस टीम के साथ जनपद के प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल स्टोर एवं अन्य संस्थानों में जाकर कोरोना के बारे में सतर्क रहने व इससे बचाव के उपाय बता रहे हैं। टीबी रोगियों के लिये विशेष सुरक्षा बरतने के लिये कहा जा रहा है। विदेश से आने वालों से एकदम दूरी बना कर रखने की हिदायत दी गई है। उन्होने बताया कि जनपद में उपचार ले रहे समस्त टीबी मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर पल जागरूक किया जा रहा है।

कोरोना से टीबी के रोगी को कैसे बचायें –

1- हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं, सेनेटाइजर का प्रयोग करें।
2- मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें।
3- भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
4- मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें, साथ ही एसी से परहेज करें।
5- पौष्टिक खाना खाए, नियमित एक्सासाइज व योग करें।
6- बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
7- मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूके और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। यहां-वहां नहीं थूकें।
8- दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें।

जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि जनपद में कोरोना के खतरे के चलते सभी डॉट्स प्रोवाइडर को निर्देश दिये गये हैं कि वह टीबी मरीजों को अगले 15 दिन तक की दवाइयां एडवांस में दे दें जिससे मरीज को घर से हर रोज बाहर निकल कर न आना पड़े। साथ ही उनको फोन करके उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछते रहें कि उनको कोई परेशानी तो नहीं है।

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