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कांग्रेस प्रवक्ता ने हार का ठीकरा अपनी ही पार्टी संगठन पर फोड़ा, जिला-शहर अध्यक्ष पर भी उठाए सवाल

by admin
Congress spokesperson blamed the defeat on his own party organization, also raised questions on the district-city president

Agra. आगरा जिले में कांग्रेस पार्टी की हुई करारी शिकस्त को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन इस हार का ठीकरा पूरी तरह से कांग्रेस संगठन पर फोड़ दिया है। उनका कहना है कि शहर की तीनों विधानसभा सीटों पर शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू और जिले की सीटों पर जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू ने अपनी सक्रियता नहीं दिखाई तो वहीं संगठन भी कहीं भी खड़ा हुआ दिखाई नहीं दिया। अगर संगठन काम करता तो इतनी बड़ी हार का सामना राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को नहीं करना पड़ता।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी का कहना है कि विधानसभा 2022 के जो चुनाव हुए हैं और उसके जो परिणाम आगरा जिले के आए हैं, वह बेहद ही शर्मनाक हैं। इतनी बड़ी हार उन्होंने आज से पहले कभी नहीं देखी। आगरा जिले में 8 प्रत्याशियों की बुरी तरह से जमानत जब्त हुई। खेरागढ़ के प्रत्याशी अपने बल पर अपनी जमानत ज़ब्त कराने से बचा पाया।

हाजी जमील उद्दीन कुरैशी ने दो टूक शब्दों में कहा कि विधानसभा चुनाव में शहर और जिला अध्यक्ष के साथ और उनका संगठन गंभीर ही नहीं दिखा। प्रत्याशी के आसपास घूमते रहे लेकिन उस प्रत्याशी के लिए क्षेत्र में कोई भी काम नहीं किया गया। प्रत्याशियों के लिए जो कमेटी भी बनाई गई। उन कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी नदारद थी। जिसका परिणाम है कि आगरा जिले में कांग्रेस पूरी तरह से धराशाई हो गई है।

फंडिंग के लिए लड़ते हैं चुनाव

कुरैशी ने कहा कि इस बार तो चुनाव में ऐसी प्रत्याशियों को भी चुनाव लड़ाया जिनका अपना कोई जनाधार ही नहीं था और न ही लोगों के बीच पैठ थी। ऐसे लोगों को साठगांठ करके टिकट दिलाई गई, जिससे कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए जो पैसा मिलता है उसमें हिस्सेदारी हो सके। इसी का परिणाम है कि कांग्रेस जो आगरा जिले में अपनी जमीन तलाश रही थी अब उसके पैरों तले जमीन भी नहीं रही है।

जमीनी कार्यकर्ताओं को दी जाए जिम्मेदारी

कांग्रेस प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी ने कांग्रेस हाईकमान से मांग की है कि इस हार की समीक्षा के बाद संगठन में पूरी तरह से फेरबदल होना चाहिए। शहर व जिला अध्यक्ष कि इस चुनाव में क्या भूमिका रही इसकी भी जांच होनी चाहिए जिससे यह पता चल सके कि कौन प्रत्याशी और चुनाव के प्रति निष्क्रिय नजर आया और उस पर संगठन कार्यवाही भी करें।

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