Home » ‘मीना बाजार’ के नाम में है महिलाओं का अपमान, इसे ‘सीता बाजार’ कराकर ही रहूंगा – स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज

‘मीना बाजार’ के नाम में है महिलाओं का अपमान, इसे ‘सीता बाजार’ कराकर ही रहूंगा – स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज

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आगरा। कोठी मीना बाजार स्थित चित्रकूट धाम में चल रही धर्म चक्रवर्ती पीठाधीश्वर पदम भूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की श्री राम कथा में तीसरे दिन राम जन्म उत्सव मनाया गया। चारों ओर राम जन्मोत्सव के हर्षोल्लास से धन झूम रहे थे। हर भक्तों को राम के जन्म का इंतजार था। मंच पर स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के आगमन पर जैसे ही हो हनुमान चालीसा की चौपाई श्री गुरु चरण सरोज रज भाई का गान शुरू हुआ, लोगों ने जय श्रीराम के नारे से पूरा पंडाल गुंजायमान कर दिया। उन्होंने अपनी कथा में सीताराम सीताराम जय जय सीताराम से भजनों की शुरुआत करते हुए कथा में राम जन्म उत्सव का वर्णन किया।

श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा का वर्णन करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि ‘पहले युवा भटका हुआ था। युवाओं को समझाना आसान है पर बुजुर्गों को नहीं। मैं बूढ़ा नहीं हूं मैं युवा हूं। सभी लोग राम जी की सत्ता पर सर झुकाते हैं और उन्हें आदर्श मानते हैं। आगरा के लोग मुझे अच्छे लगते हैं। पेठा तो मुझे प्रिय है ही पर आगरा वाले उससे ज्यादा प्रिय हैं।

‘कोठी मीना बाजार को सीता बाजार नाम करा कर ही रहूंगा’

स्वामी ने कथा के दौरान कहा कि मीना बाजार महिलाओं का अपमान है। इसी मीना बाजार में अकबर ने महिलाएं बेची थी। अब हम आजाद हो चुके हैं। अब इसका नाम सीता बाजार ही होगा। इस बाजार को मीना बाजार करा कर ही मैं रहूंगा। मीना बाजार नाम सुनकर मेरा खून खौल जाता है। मंच से ही उन्होंने इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया और आगरा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल से अपील करते हुए कहा कि वे अपने प्रयास से मीना बाजार का नाम बदलकर सीता बाजार रखवाएं।

‘पढ़ना नहीं चाहते कथावाचक’

उन्होंने कहा कि आजकल कथावाचक एक अक्षर पढ़ना नहीं चाहते। वह चाहते हैं अधिक से अधिक भीड़ हो और अधिक से अधिक पैसा हो। हिंसा परमो धर्म कई मायने में मुझे समझ नहीं आता जब कोई महिला की इज्जत लूट रही हो तो हिंसा सबसे बड़ा धर्म है उसका सबसे बड़ा हथियार है।

स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि संत हजारों में एक होता है। भगवान को भी संत बनने में आनंद आता है भगवान कहते हैं कि मैं संतों की धूल से पवित्र होता रहता हूं। संतो के यहां जाओ तो सुनाओ नहीं उनकी सुनो। रामचरितमानस मानवता का आदर्श है। हम रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करके रहेंगे।

मॉरिशस में जब नौ वा रामायण अधिवेशन हुआ तो भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मैं मॉरीशस गया था। वहां मुझे कहा कि हिंदू भारत में किराए पर रह रहा है, वह मंदिर नहीं बना पा रहा है लेकिन अब मंदिर बन रहा है और रामलला भी उस में जल्द विराजमान होने वाले हैं। उसके बाद में फिर मॉरिशस जाऊंगा।

‘सोनिया गांधी को नहीं भारतीय संस्कृति का ज्ञान’

राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने कोर्ट में बयान दिया कि राम पैदा ही नहीं हुए पुणे भारतीय संस्कृति का ज्ञान नहीं जबकि उनके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मैंने कहा गुरु ग्रंथ साहिब में 56 सौ बार राम नाम का बोध हुआ है। भगवान राम का जन्म नहीं वे प्रकट हुए हैं। यह देवता लोग जानते हैं। भगवान पीतांबर वस्त्र धारण कर प्रकट होते हैं।

स्वामी जी ने कहा कि वेद में भी भगवान राम के अवतार की कथा है। अगली बार आगरा आया तो वेद के आधार पर राम कथा सुनाऊंगा। कोर्ट में गवाही हमने दी, फैसला हमने सुना और अब राम मंदिर हम बनते देखेंगे।

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